Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

पैर छूकर प्रणाम का विज्ञान….

1 min read
Spread the love

 

कहते है की पैर छूकर प्रणाम करना विनम्रता का सूचक है साथ ही इससे खून का सही से संचार भी होता रहता हैं । पहले समाज में रिश्ते बड़ो को प्रणाम करना आदि अहम् बातें बहुत महत्व रखते थे । इसके विपरीत आज चाचा- चाची, फूफा -फूफी, मामा, मामी आदि जैसे सारगर्भित रिश्तो पर अंकल-आंटी शब्द का लेबल लग गया है ।

इस कारण नजदीक और दूर के रिश्तों को पहचानना मुश्किल हो गया हैं । या यो कहे की जिससे हित सधे वो रिश्ते अच्छे नहीं सधे वो रिश्ते खराब । भारतीय संस्कृति द्वारा वर्णित सुसंस्कार जिनके अनुसार बड़ों को पैर छूकर समुचित प्रणाम करना सहित आदर एवं छोटों को स्नेह पाठ पढ़ाया जाता है उससे आज हम विमुख होते जा रहे हैं । सच्चाई, प्रेम, सहिष्णुता, परोपकार की भावना, कर्तव्यनिष्ठा, संयम, सादा जीवन -उच्च विचार देशभक्ति करुणा इत्यादि मानवीय गुण मात्र पुस्तकीय बातें या फिर भाषण बनकर रह गए हैं।

हेलो, हाय के संस्कृति के मायाजाल में नमस्कार या प्रणाम करने में झिझक महसूस होने लगी है । टी . वी व मोबाइल आदि पर प्रसारित कार्यक्रमों से भी चरित्र निर्माण में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पहले संयुक्त परिवार में सभी बच्चे मिलजुल कर हर चीज बॉंटकर इस्तेमाल करते थे । आजकल एकल परिवार के होने के कारण सामाजिक नहीं रहे और उनकी सोच स्वयं तक ही सीमित रहती है।

पहले घर के बाहर के खेल ज्यादा थे, खानपान भी शुद्ध था , शारिरिक श्रम भी था जिससे वे तंदुरुस्त रहते थे पर आजकल टेलीविजन -मोबाइल में ज्यादा समय,अशुद्ध खानपान व शारीरिक श्रम कम होने से ज्यादा बीमारियां होने लगी हैं। आज हमें अविलंब अपना विवेक जगाना होगा इसी में हमारा, समाज,और देश का हित है । पैर छूने की प्रणाम की सही से प्रणाली निरन्तर विकसित हो । यह छोटों द्वारा बड़ों के प्रति आदर सूचक तो है ही साथ ही साथ वैज्ञानिक दृष्टि से लाभप्रद भी हैं ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़. राजस्थान)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »