Religion Spirituality : भगवान अहंकार का मर्दन करते हैं – आचार्य शांतनु
1 min read

रिपोर्ट – लोकदस्तक संवाददाता
अमेठी, उप्र ।
तिलोई क्षेत्र के गांव पूरे दान सिंह वैस में ब्लाक प्रमुख तिलोई के आवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठें दिवस पर कथा व्यास आचार्य शान्तनु जी ने कहा कि भगवान कृष्ण द्वारा जब इन्द्र की पूजा छोड़वाकर गोवर्धन की पूजा करवाया गया तो इन्द्र ने क्रोधित होकर सात दिन तक लगातार वर्षा करवाई तो भगवान नें सभी ग्वाल बालों के साथ मिलकर गोवर्धन को ही छाता बनाकर उठा लिया और इन्द्र का मान भंग कर दिया और अन्त में इन्द्र लज्जित होकर आकर भगवान की स्तुति करने लगे।
सभी ब्रजवासी इस घटना से यह मानने लगें कि कन्हैया अवश्य ही भगवान है परन्तु भगवान नें कहा कि नही यह सब आप लोगों के सहयोग से ही ये सम्भव हुआ है। कथा व्यास ने कहा कि एक बार एकादशी के दिन नंद बाबा रात में तीन बजे यमुना में स्नान करनें चले गये और वरुण देव के दूत नन्दबाबा को पकड़ कर वरुणलोक लेकर गये और फिर नन्दबाबा को कृष्ण जी छुड़वाकर लेकर आये।
इसके बाद महाराज जी नें पवित्र महारास का वर्णन किया है और जब भगवान नें अपनी बंशी बजाई है तब सभी गोपियां जो जिस अवस्था में थी उसी अवस्था में भगवान से मिलने के लिये अपने घर से निकल पड़ी। और इस महारास का दर्शन करने भगवान शंकर भी माता पार्वती के संग आये थे।
अब कंस नें अक्रूर जी के माध्यम से मल्ल युद्ध के बहाने भगवान कृष्ण और बलराम को मथुरा बुलवाया। सभी गोपियां व माँ यशोदा भगवान के मथुरा जानें की सूचना पाकर विरह में व्याकुल हो गयीं भगवान नन्दबाबा और ग्वालों के साथ मथुरा आये। और यहां भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया। और मथुरा के सभी असुरों का नाश किया है इसके पश्चात राजा उग्रसेन को मथुरा का राज्य सौंपा। और नन्द बाबा को विदा किया।और भगवान ने बलराम के साथ गुरुकुल में जाकर शिक्षा लिया।भगवान ने
उद्धव जी को गोकुल भेजकर गोकुल वासियों व गोपियों का हाल जाना है जरासंध आदि राक्षसों का आतंक बढ़ने के कारण भगवान नें द्वारिकापुरी का निर्माण कर समस्त प्रजा सहित द्वारिका को चले गये।कथा शुरुआत से पूर्व यजमान अर्चना सिंह कृष्ण कुमार सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आरती पूजन किया। संचालन धर्मेश मिश्रा ने किया।
इनकी रही मौजूदगी
इस मौके पर राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह,कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, उत्कर्ष शरण सिंह,मुकेश सिंह,दिनेश रावत विधायक हैदरगढ़,विवेक विक्रम सिंह,लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रमेश चंद्र, हीरामणि पटेल, दिलीप गंगवार,हरिनाथ यादव, मनीष सिंह, इंद्रजीत सिंह,कृषि वैज्ञानिक डा लाल पंकज सिंह, दलजीत सिंह,नितेश यादव, सौरभ सिंह, मोहन लाल मौर्य, शिवांशु मिश्रा, सुशील सिंह, करुणा शंकर, गंगा विभूति सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।