SHRI RAM KATHA : श्रीराम जन्मोत्सव पर गूंजा भजन — ‘दशरथ पुत्र जन्म सुनि काना’, भक्तों में उमड़ा आस्था का सागर
1 min read

रिपोर्ट – नीरज कुमार सिंह
अमेठी, उप्र ।
श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस कथा व्यास ने भगवान श्रीराम के जन्म का प्रसंग बड़े मार्मिक ढंग से सुनाया। मानस की चौपाई दशरथ पुत्र जन्म सुनि काना का अर्थ है कि राजा दशरथ ने अपने पुत्रों के जन्म का समाचार कानों से सुनकर ब्रह्मा जैसा आनंद महसूस किया। इस चौपाई में वह आनंद और उत्साह से भरकर उठना चाहते हैं उनका मन प्रेम से भर गया है और शरीर पुलकित है।
भगवान के जन्म के अनेक कारण का भी वर्णन किया। राम जन्म के हेतु अनेका का अर्थ है कि भगवान राम के जन्म के कई कारण थे। मुख्य रूप से यह धर्म की स्थापना और अधर्म के नाश के लिए हुआ था। जब रावण और उसके सहयोगियों जैसे दुष्टों के अत्याचार बढ़ गए थे। भगवान विष्णु ने अवतार लिया ताकि धरती को अधर्म से मुक्त कर सकें और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जीवन के आदर्श स्थापित कर सकें।
गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह के आवास मंगलम पर चल रही श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास आचार्य शान्तनु जी महाराज ने कहा कि इस धरा धाम पर जब जब असुरों के अत्याचार बढ़ते है तब तब प्रभु अवतार लेकर भक्तो को उनके संताप से मुक्त करते है। कथा व्यास ने कहा कि भगवान की सगुन लीलाओं को भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिये इसमे तर्क का कोई स्थान नही है।भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा के क्रम में कथा व्यास ने प्रभु के जन्म के अनेक कारणों को सुनाया।
महाराज जी ने कहा कि भगवान की ये घोषणा है कि जो भी भक्त सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते है प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते है जैसे मां अपने बच्चे की रक्षा करती है।मनु एवं शतरूपा जी के प्रसंग को सुनाते हुये महाराज जी ने कहा कि मनु महाराज ने जीवन के अंतिम समय मे सब कुछ त्याग कर हरि भजन का मार्ग चुना हम सब का भी यही दायित्व है कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुये भगवान के भजन में मन लगाएं।देवताओ की करुण पुकार को सुनकर भगवान ने सबको आश्वासन दिया कि मैं अब नर रूप में धरती पर अवतरित होने वाला हूं।
सभी देवता प्रभु की जयजयकार करने लगे।गोस्वामी जी ने अयोध्या की महिमा को गाया है सम्पूर्ण अयोध्यावासी भगवान की आराधना कर रहे है।अयोध्या नगर में बधाइयां बजने लगी दशरथ जी मगन होकर प्रजाजनों को न्योछावर करने लगे और पूरा वातावरण राममय हो गया। कार्यक्रम के आयोजक एवं गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अतिथियों को प्रभु श्रीराम का प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
इस मौके पर दिनेश तिवारी विजय पाल उपाध्याय सम्राट सिंह रवीन्द्र प्रताप सिंह राज कुमार सिंह सचिन सिंह रैकवार उदय सिंह अरविंद सिंह अखण्ड प्रताप सिंह दिग्विजय सिंह मनीष सिंह वीरेन्द्र प्रताप सिंह मोनू सिंह प्रधान धीरु सिंह प्रदीप सिंह सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

