Historical Fair : पौराणिक स्थल नन्द बाबा के धाम पर लगने वाला तीन दिवसीय महाकुंभ शुरू
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रिपोर्ट- विजय कुमार यादव
अमेठी, उप्र ।
क्षेत्र के नन्द महर स्थित पौराणिक स्थल नन्द बाबा के धाम लगने वाला तीन दिवसीय महाकुंभ मंगलवार से शुरू हो चुका है जो तीन दिनों तक चलता रहेगा ।यादवों के इस महाकुंभ में देश के विभिन्न हिस्सों से यादव समाज के साथ ही सभी समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचकर ढोल नगाड़ों की थाप पर पूजा अर्चना करते हुए सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना करते हैं
।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धाम पर पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।नन्द बाबा के मंदिर पर खास तरह के झंडे चढ़ाने की प्राचीन परम्परा चली आ रही है ।वही ऐतिहासिक मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी करने के साथ कर्मियों को तैनात कर दिया है।
वीवीआईपी जिले में शुमार अमेठी जिला मुख्यालय गौरीगंज से उत्तर दिशा में मुसाफिरखाना मार्ग पर करीब 15 किमी दूरी पर स्थित नन्द महर धाम पौराणिक महत्व समेटे हुए है जो यदुवंशियों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है ।इस पौराणिक स्थल का प्रदुर्भाव कब हुआ इस विषय में कई मत प्रचलित है ।किंवदंतियों के अनुसार द्वापर काल में यहां के आसपास पौंड्रक नामक राजा के अधीन था जो खुद को वासुदेव बताता था ।
इस बात की जानकारी जब वसुदेव को हुई तो उन्होंने नाराज को भगवान श्री कृष्ण व उनके भाई बलराम को पौंड्रक नामक घमंडी राक्षस को मारने के लिए द्वारिका से काशी भेजा था ।काफी समय बीतने पर उनके वापस न पहुंचने पर वासुदेव व नन्द बाबा भगवान श्री कृष्ण व बलराम को खोजते हुए यहां पहुंचे थे ।उस समय आसपास बहुत बड़ा घना जंगल था ।पौंडरक को मारकर श्री कृष्ण बलराम के साथ वापस द्वारिकापुरी जा रहे थे उसी समय नन्द बाबा और वसुदेव की उनसे मुलाकात इसी स्थान पर हुई थी ।सभी लोगो ने तीन दिन तक यहां विश्राम किया।
इसी दौरान यहां एक यज्ञ का आयोजन भी किया गया ।नन्द बाबा ने भगवान की मूर्ति स्थापित करके उनकी पूजा की थी ।भगवान श्री कृष्ण बलराम वसुदेव और नन्द बाबा के चरणरज से यह स्थान पवित्र हो गया ।यदुवंशियों के पूर्वज होने के कारण यह स्थल उनकी श्रद्धा आस्था एवं विश्वास के प्रमुख केंद्र बन गया ।तभी से लोग अनवरत यज्ञ हवन पूजन करते आ रहे हैं ।
मान्यताओं के अनुसार उसी समय आसपास नारायन पुर काशीपुर केशव पुर वसायकपुर नदियावा हरि करन पुर सहित दर्जन भर गांव बसाए थे ।लोग बताते हैं कि जिस स्थान पर नन्द बाबा ने पूजा अर्चना की थी उसी स्थान पर मिट्टी का चबूतरा बनाकर पूजन अर्चन शुरू कर दिया ।जहां बाद में नन्द बाबा का मंदिर बनवाया गया ।
मान्यताओं के अनुसार मंदिर में गाय भैंस के ब्याने के बाद नन्द बाबा को दूध चढ़ाने के बाद ही उसे अन्न के साथ प्रयोग किया जाता है ।ऐसा करने से घर में दूध की कमी नहीं होती है ।जहां बिना किसी भेदभाव के सभी जाति व धर्मो के लोग प्रत्येक मंगलवार को दूध चढ़ाने आते हैं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से राजा बलि की पूजा करने वाले यदुवंशी रंग बिरंगे झंडे मंदिर में चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं । जहां पुजारी लोग भूत प्रेत बाधा से युक्त लोगो को प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाते हैं । ढोल नगाड़ों की थाप पर तीन दिन तक लोग पचरा गीत गाते हुए पूजा करते हैं ।
इन बड़ी हस्तियों ने टेका है मत्था
नन्द बाबा के दर्शन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नारायण दत्त तिवारी सपा मुखिया अखिलेश यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव संविधान सभा के सदस्य रहे पूर्व मंत्री लक्ष्मी शंकर यादव हरियाणा के पुराने नेता कर्नल राम सिंह पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव सहित अनेक राजनीतिक हस्तियां दर्शन पूजन करते हुए मत्था टेक चुके हैं ।
तीन दिवसीय महाकुंभ मंगलवार से शुरू होकर बुधवार तक चलेगा ।सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है ।

