बहुचर्चित केस :लापता इंस्पेक्टर मामले में आया नया मोड़
1 min readसुलतानपुर। 86 दिन से लापता इंस्पेक्टर नीशू तोमर मामले में नया मोड़ आया है I हाईकोर्ट में डीजीपी से जवाब-तलब होने के कई दिन बाद भी नीशू को ढूढ़ने में नाकाम जिले की पुलिस पर नीशू के अधिवक्ता एवं उनके करीबियों की रेकी करने व उनके कार्यो को बाधित करने का आरोप लग गया हैI अधिवक्ता के विधिक अधिकारों को प्रभावित करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ हुई शिकायत पर बार काउंसिल ऑफ यूपी के उपाध्यक्ष जय नारायन पांडेय ने संज्ञान लेते हुएउन्होंने बड़े अफसरों से वार्ता कर कहा अधिवक्ता के सम्मान के खिलाफ कुछ भी नहीं बर्दाश्त होगा ,पुलिसिया कार्यशैली के खिलाफ अधिवक्ताओ में आक्रोश है I
नीशू तोमर की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बृजेश पांडेय ने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के इशारे पर एसओजी टीम व अन्य पुलिस कर्मियों के जरिये घर व रास्ते से लेकर कोर्ट सहित प्रत्येक जगहों पर उनकी रेकी करने,उनके जूनियरो व कुछ मुवक्किलों की भी रेकी कर अनर्गल रूप से उनका पीछा कर परेशान करने का आरोप लगाया है I गलत ढंग से उनके मोबाइल को भी सर्विलांस पर रख निजता के अधिकार का हनन करने का आरोप लगाया है I उच्चाधिकारियों को डार्क में रख बौखलाकर मनमाना कृत्य करने के पीछे एडिशनल एसपी विपुल श्रीवास्तव व उनके अधीनस्थ कुछ अन्य पर आरोप लग रहा I अधिवक्ता बृजेश पांडेय के मुताबिक उन्होंने एसपी सोमेन वर्मा से भी प्रकरण की शिकायत की है I पुलिस की करतूत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट प्रयागराज के चीफ जस्टिस,पीएम-सीएम,मानवाधिकार आयोग,बार काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं बार एसोसिएशन सुलतानपुर के अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद शुक्ला व महासचिव समरजीत सिंह से शिकायत की हैI,आज जिले में अधिवक्ताओं का हाल जानने आये बार काउंसिल ऑफ यूपी के उपाध्यक्ष जय नारायन पांडेय ने अधिवक्ता बृजेश पांडेय के प्रकरण को लेकर अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए तत्काल जिम्मेदार अफसरों से से बात किया I उन्होंने कहा कि अपने मुवक्किल की पैरवी करना अधिवक्ता का विधिक अधिकार,उसमें किसी तरीके का अनर्गल हस्तक्षेप व प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं होगी I अधिवक्ताओं में इस प्रकरण को लेकर बड़ा आक्रोश दिखा हैI पुलिस ने अपनी विवादित कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो माहौल बिगड़ सकता है I अधिवक्ता समाज एवं जिम्मेदार पुलिस अफसरों के बीच जंग छिड़ सकती है I आज हुई शिकायत के बाद पुलिसिया कृत्य आया सामने आया है I अधिवक्ता के आरोप के मुताबिक बीते 22 सितम्बर को उनके मुवक्किल नीशू तोमर को जिला न्यायालय आये होने के दौरान पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा था,उसे महिला थाने ले जाया गया था I तत्कालीन महिला थाना प्रभारी मीरा कुशवाहा व नीशू पर रेप का केस दर्ज कराने वाली सिपाही समेत अन्य पर है साजिश के तहत नीशू का अपहरण करने का आरोप है,कोतवाली नगर में आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ साजिश व अपहरण के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है ,फिलहाल अपहरण के आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुलिस अभी तक कोई एक्शन नहीं ले सकी है I उधर हाईकोर्ट में नीशू की पत्नी कुसुम की तरफ से दाखिल हेबियस कार्पस याचिका पर हाईकोर्ट की डबल बेंच सख्त हुई I डीजीपी से भी पर्सनल एफिडेविट, दाखिल करा चुकी है I हाईकोर्ट ने पुलिस को नीशू का ठिकाना बता कर एक माह में पेश करने के लिए नौ जनवरी की तारीख तय की है I अब पुलिस के पास करीब तीन हफ्ते ही शेष बचे है I हाईकोर्ट की सख्ती के बाद से ज्यादा सक्रियता दिखाने के चक्कर में बौखला कर मनमाना कानून चला रही पुलिस,अपने को सही साबित करने के चक्कर में पुलिस के जरिये प्लांटेड बयान व साक्ष्य तैयार करने का भी मामला लगातार सामने आ रहा है I अब तक पुलिस नीशू को पुलिस की कस्टडी से बाहर चले जाने व अपनी कहानी को सही साबित करने के चक्कर मे तीन लोगों का 164 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत बयान करा चुकी है ,फिर भी कोई विश्वनीय तथ्य सामने तक नही आ सका है I हाईकोर्ट में भी पुलिस अभी तक कई प्रयासों के बावजूद भी उनकी कस्टडी के नीशू बाहर है I इस बात को साबित करने में नाकाम रही है I पुलिस अभिरक्षा में आने के बाद नीशू के बाहर जाने के सम्बंध में पुलिस के पास कोई विश्वनीय प्रमाण नहीं है ,पुलिस की भूमिका शुरू से ही मामले में संदिग्ध रही है I अधिवक्ता बृजेश पांडेय के मुताबिक बीते 22 सितम्बर के बाद से आज तक किसी भी तरीके से उनका मुवक्किल नीशू उनके संपर्क में नहीं आया है I वे खुद ही नीशू के परिजनों की हालत देखकर परेशान है I लेकिन पुलिस विभाग के अफसर अपनी मशीनरियों का सही उपयोग कर नीशू को ढूढ़ने का प्रयास करने के बजाय अपने खिलाफ हुई कोर्ट कार्यवाही की वजह से द्वेष की भावना से काम कर बेवजह परेशान करने का काम कर रही है I जबकि अधिवक्ता बृजेश पाण्डेय के मुताबिक वे शुरू से ही अपने दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ पुलिस की जांच में भी हर सम्भव सहयोग कर रहे हैं I,शुरुआत में तमाम शिकायतों के बाद भी पुलिस अफसरों ने जमकर लापरवाही बरती थी ,तब नीशू को ढूढ़ना पुलिस ने नहीं समझा जरूरी,अब हाईकोर्ट की सख्ती के बाद डीजीपी ने कसी जिम्मेदार अफसरों की नकेल तो अपने को बचाने के चक्कर मे जिम्मेदार अफसर नीशू को ढूढ़ने में कुछ ज्यादा ही सक्रिय दिखाना चाहते है I पहले किया आराम और अब इतना लम्बा अन्तराल बीतने के बाद पुलिस की नींद हराम हो गई है I नीशू के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर उसकी जानकारी देने पर पुरस्कार रखा गया है ,पर कई दिन बाद भी पुलिस की समस्या बरकरार है I पुलिस विभाग से ही ट्रेनिंग किये नीशू तोमर को ढूढ़ने में डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद भी पुलिस के सारे नेटवर्क फेल दिख रहे हैं I नीशू जानबूझकर कहीं छिपा है या कहीं बना है बंधक या उसके साथ हो चुकी है कोई अप्रिय घटना,ऐसी ही कई बातों को लेकर संशय बरकरार है I कयास तरह-तरह के सब लगा रहे ,कैसे भी नीशू मिल जाये बस यही पुलिस आश लगाये बैठी है I नीशू के पास मौजूद रही एक पेन ड्राइव में कैद कई प्रभावशाली लोगों से जुड़ी अश्लील वीडियो को नीशू के लापता होने की मुख्य वजह मानी जा रही है I हाईकोर्ट व प्रदेश स्तर तक भी पहुँच चुका है यह मामला,निष्पक्ष जांच हुई तो कार्यवाही की जद में कई आ सकते है I
मामले में सामने आई परिस्थितियों के अनुसार हाईकोर्ट भी मान रही है कि नीशू तोमर आज भी पुलिस की ही कस्टडी में है गिरफ्तारी वारन्ट जारी होने के बाद भी नीशू को सामने ला पाएगी पुलिस या फिर मात्र दौड़ाती रहेगी कागजी घोड़ा,भविष्य में यह सब सामने आना शेष है I नीशू तोमर का मामला पुलिस के लिए सिरदर्द बना है I लगातार मामले में आ रहा है मोड़ पर मोड़ I
रिपोर्ट-अंकुश यादव