पुलिस की ढुलमुल रवैया से बेखौफ घूम रहा दुष्कर्म का आरोपी
1 min readसुलतानपुर। धम्मौर थाने की पुलिस किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पा रही I करीब ढाई माह पूर्व दर्ज हुआ मुकदमा था I घटना के इतने दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है I
विदित हो कि 13 वर्षीय किशोरी को बीते तीन अक्टूबर की शाम शौच के लिए गये होने के दौरान बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप में पीड़िता के चाचा ने बीते चार अक्टूबर को अज्ञात के खिलाफ धम्मौर थाने में दर्ज कराया मुकदमा था I मामले में भादवि की धारा-363 में एफआईआर दर्ज हुई थी,लेकिन पुलिस आरोपी के अनुचित प्रभाव में विवेचना में लापरवाही बरत रही थी I पुलिस के ढुलमुल रवैये के खिलाफ अभियोगी ने एसीजेएम प्रथम की अदालत में मॉनिटरिंग अर्जी दाखिल की थी I मॉनिटरिंग अर्जी पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विवेचक से रिपोर्ट तलब की थी ,जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने पीड़िता की बरामदगी की थी I
विवेचक सर्वेश कुमार विमल ने पीड़िता का कोर्ट में 164 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत बयान कराने के बाद उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर भादवि की धारा-376 व 3/4 पाक्सो एक्ट की बढोत्तरी की है I फिर भी अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है I पुलिस की लचर तफ्तीश के चलते आरोपी विजय की गिरफ्तारी न होने का आरोप लगाते हुए अभियोगी ने कार्यवाही की मांग की थी,जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने समस्त अभियोजन प्रपत्रो के साथ विवेचक को तलब किया था I
कोर्ट के कड़े रुख के बाद तलब हुए विवेचक सर्वेश कुमार विमल ने आरोपी विजय को घुमंतू जाति का बताते हुए उसकी गिरफ्तारी अब तक ना हो पाने की रिपोर्ट दी है I फिलहाल पीड़ित पक्ष की मानें तो आरोपी को संरक्षण देते हुए जान बूझकर पुलिस आरोपी विजय की गिरफ्तारी नहीं कर रही I घटना के करीब ढाई माह बाद भी पुलिस खाली हाथ है I पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहा है I इस करतूत के चलते जेल की सलाखों के पीछे जाने के बजाय बेखौफ होकर किशोरी की इज्जत से खेलने वाला आरोपी घूम रहा है I उच्चाधिकारी भी मामले बेखबर हैं तो पीड़ित कैसे न्याय मिलेगा, ये कहना कठिन है I
रिपोर्ट-अंकुश यादव