क्या कारण है कि नक्सली की घटेगी इनामी राशि
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रांची I कभी-कभी ऐसे समाचार आते हैं कि उसे सुनने में अटपटा लगता है उसी प्रकार का एक समाचार नक्सलियों को लेकर आया है जिसमें एक करोड़ के इनामी नक्सली का इनामी राशि घटा दी गई I यह तो पहले सुना गया है कि किसी खूंखार आतंकी नक्सली की इनामी राशि रखी जाती है समय-समय पर उसे बढ़ाया भी जाता है लेकिन घटाने की बात सुनकर कुछ अजीब जरूर लग रहा है आइए जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ की इनामी नक्सली की इनामी राशि को घटा दिया गया है I मिली जानकारी के अनुसार झारखंड राज्य में सक्रिय एक माओवादी पर एक करोड़ का इनाम घोषित था लेकिन झारखंड सरकार की तरफ से उसके इनाम को घटाने की तैयारी की जा रही है I माओवादी असीम मंडल पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले का रहने वाला है I वह आकाश और तिमिर छद्म नाम से भी गतिविधियां करता रहता है I वर्ष 2014 15 में वह झारखंड आकर कोल्हान के घाटशिला इलाके में सक्रिय हुआ, बाद में उसे ट्राई जंक्शन इलाके में माओवादी पति राम और आनंद के साथ भेजा गया था I उसके इनाम घटने का कारण बताया जा रहा है कि माओवादी असीम मंडल का संगठन में दर्जा घटा दिया गया है I इसलिए झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा उसका नाम एक करोड़ से घटाकर 25 लाख रुपए करने के बाद प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा जा रहा है I मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा विभाग को सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादियों ने असीम को संगठन में रिमोट कर दिया है अब उसका दर्जा स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य का रह गया है I भाकपा माओवादियों के सेकेंड इन कमान प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का प्रमुख था। गिरफ्तारी के पूर्व ही प्रशांत ने मिसिर बेसरा को ईआरबी का प्रमुख बनाने का प्रस्ताव भेजा था।
लेकिन मिसिर बेसरा को अब तक ईआरबी प्रमुख की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। बता दें कि ईआरपी के अधीन ही झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा, छतीसगढ़ और पूर्वोतर के सभी राज्य आते हैं। असीम मंडल की तलाश पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड तक की जा रही है। पहले वह पश्चिम बंगाल में सक्रिय था। वहां लालगढ़, झाड़ग्राम में माओवादियों के कमजोर होने के बाद उसे झारखंड भेज दिया गया था। माना जा रहा हैकि पिछले सात साल से वह झारखंड में सक्रिय है।