साउथ में भी धूमधाम से मनाया गया छठ पर्व
1 min read
बेंगलुरु, कर्नाटक I
साउथ में भी धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया I बेंगलुरु siti
छठ पूजा के दिन सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है. साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है. इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है. यह 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है
पहले दिन नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है |
छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है.व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है.
छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है. इसके बाद, व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और इस दिन डूबते सूर्य की आराधना की जाती है
चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद दिया जाता है.जिया साहित्य मंच द्वारा छठ पर्व बड़े ही भक्ति भाव से पूजा अर्चना कर विधिवत मनाया गया | इस पूजा में चांदनी रैना, नीलम सहाय, पिंकी, अनिता, तारा दुबे , शिप्रा, अभिषेक, विवेक, नितिन, विनय, आस्था, संस्कृति,आस्था,वैशनवी, विनायक, लक्की ,स्वरा, आरव, निश्का, समरिनीत आदि के अलावा अन्य लोग भी काफ़ी संख्या में उपस्थित थे |