CYBER CRIME : साइबर ठगी का शिकार हुआ डीपीआरओ कार्यालय,बाबू (सफाई कर्मी) निकला मास्टरमाइंड
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REPORT BY AS BHADAURIYA
ÀMETHI NEWS।
सिंहपुर और बाजार शुक्ल विकास खंड की पांच ग्राम पंचायतों के राज्य वित्त व स्वच्छ भारत मिशन के खाते से 43 लाख से अधिक का सरकारी धन कूट रचित डोंगल के सहारे फर्म में ट्रांसफर करने के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने मंगलवार को चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पंचायतों के खाते से साइबर ठगी करने वाले गैंग का मास्टरमाइंड डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर सिरताज अहमद और उसका एक पुराना साथी निकला। मामले में अगर पुलिस ने और गहनता से जांच की तो गैंग से जुड़े कई अन्य लोग जांच की जद में आ सकते हैं।
चार दिनों तक चली लंबी पुलिस की पूंछ तांछ और जांच पड़ताल तथा छापेमारी के बाद पुलिस ने मामले में बाबा इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर अमरेश कुमार गोस्वामी,आदित्य , शिवपूजन यादव और डीपीआरओ कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर( सफाई कर्मी) सिरताज अहमद उर्फ सिराज को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में पता चला कि डीपीआरओ कार्यालय में सफाई कर्मी जो बीते दस साल से अधिक से कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहा है उसी बाबू सिराज अहमद उर्फ सिरताज अहमद के साथ आरोपी अमरेश पंचायत विभाग में संविदा पर काम करता था।
उसी समय के परिचय का फायदा उठाकर तीनों आरोपियों ने बाबू सिराज अहमद की मदद से शिवपूजन यादव के आधार कार्ड व पैन कार्ड से डी एस सी रजिस्टर्ड करके एक फर्जी डोंगल बनवा लिया। राज्य वित्त से ठगी के काम में कंप्यूटर ऑपरेटर सिराज अहमद द्वारा इन लोगों को पेमेंट का पासवर्ड उपलब्ध कराया जाता था जिसके सहारे ये सभी सरकारी रुपए फर्म में आहरित करने के बाद खुद के बैंक खाते में हस्तांतरित कर लेते हैं।
धोखाधड़ी से वर्षों पुराना है सिरताज का नाता
ग्राम पंचायतों के राज्य वित्त से लाखों रुपए गायब करने वाले साइबर ठगी के मास्टरमाइंड सिराज अहमद उर्फ सिरताज अहमद के द्वारा सरकारी खाते से धन उड़ाने की यह कोई पहली घटना नहीं है इसके पूर्व भी उसने कूट रचित ढंग से सरकारी रुपए ग्राम पंचायतों के खाते से गायब किए थे। सिरताज का धोखाधड़ी और सरकारी रुपए का बंदरबांट करने का सात वर्ष पुराना नाता है।
इससे पहले वर्ष 2018 में लखनऊ निवासी अविनाश कुमार की शिकायत पर तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ बनवारी सिंह की तहरीर पर कंप्यूटर ऑपरेटर सिरताज अहमद, डीपीआरओ उमाकांत पाण्डे, वरिष्ठ सहायक प्रशांत कुमार शुक्ल और सफाईकर्मी सिद्धार्थ काकुष्थ के ऊपर ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत के राज्य वित्त के खाते का लाखों रुपया निजी बैंक खाते में हस्तांतरित करने का मुकदमा गौरीगंज थाने में दर्ज कराया गया था।
महीनों जेल में रहने के बावजूद आरोपी कर्मचारी आज भी डीपीआरओ कार्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं। विभाग के द्वारा कठोर कार्रवाई न होने के चलते आरोपी सिरताज के हौंसले बुलंद हुए और जिले की पांच ग्राम पंचायतों से 43 लाख से अधिक की धनराशि को ठिकाने लगाकर पंचायत राज विभाग की डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजाक बना दिया।
दो डोंगल और चेक बुक भी मिली
आरोपियों के कब्जे से दो डोंगल , चार मोबाइल फोन,एक लैपटॉप,एक पासबुक और दो चेक बुक समेत 4800 रुपए नगद पुलिस ने बरामद किए।
अन्य ब्लाकों में भी फैला हो सकता है नेटवर्क
घटना का मुख्य आरोपी सिरताज अहमद गौरीगंज थाना ,अमरेश कुमार शुकुल बाजार थाना ,आदित्य अमेठी थाना और शिवपूजन हरदोई जिले का निवासी है। ऐसे में कयास यह भी लगाए जा सकते हैं कि साइबर ठगों का यह गैंग अन्य ब्लाकों और दूसरे जिलों अपना फैलाये हुए होंगे।
क्या कहा क्षेत्राधिकारी तिलोई डॉ अजय कुमार सिंह
साइबर ठगी के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आरोपियों के फर्म और बैंक खातों को फ्रिज करा दिया गया है। घटना से जुड़े हुए अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। घटना से यदि अन्य कोई और भी शामिल है तो गिरफ्तार किया जाएगा। मामले की विवेचना प्रचलित है।