राम वन गमन का प्रसंग सुन श्रोताओं के बह चले प्रेमाश्रु
1 min readअमेठी । विकासखंड क्षेत्र गौरीगंज के मऊ गांव में विधायक राकेश प्रताप सिंह के यहां चल रही श्रीराम कथा के छठे दिन कथावाचक स्वामी प्रणव पुरी महाराज ने राम जी के वनवास प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। जिसे सुनकर श्रोता भावुक हो गए लोगों के कंठ अवरुद्ध हो गए और प्रेमाश्रु बह चले। बताया कि भगवान राम के जीवन में जितना बड़ा उलटफेर हुआ उतना अन्यत्र कहीं नहीं दिखाई देता। सुबह उन्हें अयोध्या के राज सिंहासन पर बैठना है पिता से नीति सीख रहे हैं इसी रात में इतना बड़ा उलटफेर हुआ कि सुबह होते ही उन्हें बन जाने के लिए तैयार होना पड़ा। महाराज दशरथ कैकई संवाद को वर्णित करते हुए कोप भवन में राम के आगमन और वन गमन की इच्छा पर दशरथ महाराज की व्यथा का मानस की चौपाइयों के माध्यम से उन्होंने सुंदर वर्णन किया। सुमिरि महेसहि कहइ निहोरी।
बिनती सुनहु सदासिव मोरी॥
आसुतोष तुम्ह अवढर दानी।
आरति हरहु दीन जनु जानी॥
फिर महादेवजी का स्मरण करके उनसे निहोरा करते हुए कहते हैं- हे सदाशिव! आप मेरी विनती सुनिए। आप आशुतोष शीघ्र प्रसन्न होने वाले और अवढरदानी मुँहमाँगा दे डालने वाले हैं। अतः मुझे अपना दीन सेवक जानकर मेरे दुःख को दूर कीजिए॥
तुम्ह प्रेरक सब के हृदयँ
सो मति रामहि देहु।
बचनु मोर तजि रहहिं घर
परिहरि सीलु सनेहु॥
आप प्रेरक रूप से सबके हृदय में हैं। आप श्री रामचन्द्र को ऐसी बुद्धि दीजिए जिससे वे मेरे वचन को त्यागकर और शील-स्नेह को छोड़कर घर ही में रह जाएँ॥अजसु होउ जग सुजसु नसाऊ।
नरक परौं बरु सुरपुरु जाऊ॥सब दुख दुसह सहावहु मोही।
लोचन ओट रामु जनि होंही॥जगत में चाहे अपयश हो और सुयश नष्ट हो जाए। चाहे मैं नरक में गिरूँ अथवा स्वर्ग चला जाए। और भी सब प्रकार के दुःसह दुःख आप मुझसे सहन करा लें। पर श्री रामचन्द्र मेरी आँखों की ओट न हों॥ महाराज दशरथ की दशा देखकर श्रोता भावुक हो गए। कैकेई ने भगवान को सारा वृत्तांत बताया भगवान राम बन के लिए तैयार हुए। मां कौशल्या का आशीर्वाद लिया उन्होंने कहा जौ केवल पितु आयसु ताता।तौ जनि जाहु मानि बड़ी माता।जौ पितु मातु कहेउ बन जाना।तौ कानन सत अवध समाना।। इस प्रसंग का स्वामी जी ने बहुत ही विस्तार पूर्वक वर्णन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु कथा सुन भाव विह्वल हो गए। कथा में मुख्य रूप से जिला पंचायत सदस्य अमेठी अभय सिंह जिला पंचायत सदस्य कुलदीप सिंह सुल्तानपुर संदीप फैजाबाद महेंद्र तिवारी मुसाफिरखाना प्रियंक हरि विजय तिवारी मोहम्मद सुल्तान सिद्दीकी दीपू शुक्ला पारस यादव सहित हजारों कथा प्रेमी उपस्थित रहे I