साधन धाम मोक्ष कर द्वारा,पाइ न जेहिं परलोक सँवारा
1 min readगौरीगंज, अमेठी। स्थानीय विधायक राकेश प्रताप सिंह के आवास मऊ गांव में शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन से श्री रामकथा का शुभारंभ हुआ। जिसमें पहले दिन कथावाचक स्वामी प्रणव पुरी महाराज ने मानस के कई मार्मिक प्रसंगों का वर्णन करते हुए श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने बताया कि साधन धाम मोच्छ कर द्वारा। पाइ न जेहिं परलोक सँवारा॥ बड़े भाग्य से यह मनुष्य शरीर मिला है। सब ग्रंथों ने यही कहा है कि यह शरीर देवताओं को भी दुर्लभ है। इसलिए यह शरीर पाने के बाद राम नाम का स्मरण करते हुए अपना परलोक सुधार लीजिए।श्रीरामचरितमानस एक सुन्दर सरोवर है जिसमें वक्ता-श्रोतारूपी चार घाट हैं । इसकी कथाके चार वक्ता हैं – शिव जी, काकभुशुण्डि, याज्ञवल्क्य और स्वयं तुलसीदास तथा चार ही श्रोता हैं, क्रमशः पार्वती जी, गरुड़, भरद्वाज और स्वमन।आगे उन्होंने
मानस की चौपाई
रामु कवन प्रभु पूछउँ तोही। कहिअ बुझाइ कृपानिधि मोही। माता पार्वती ने भगवान शिव से यह प्रश्न किया है। श्री रामचरितमानस में प्रसंग आता है की वन में सीता जी के हरण के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और लक्ष्मण सीता जी को खोजते हुए चल रहे थे उस समय भगवान शिव ने उन्हें प्रणाम किया माता सती को संदेह हुआ। यह दोनों राजपुत्र हैं कौन जिन्हें वे भोलेनाथ प्रणाम कर रहे हैं।जिन्हें सारा संसार प्रणाम करता है।इस संदेह को दूर करने के लिए जब वह सीता जी का रूप धारण करके उनके सम्मुख गई तो लक्ष्मण महाराज तो चकित हो गए। किंतु भगवान राम उन्हें पहचान गए और उन्हें प्रणाम करने के बाद पूछा।विपिन अकेलि फिरहु केहि हेतू। कहहु बहोरि कहां वृषकेतू।इस प्रसंग को विस्तार पूर्वक सुनाते हुये शिवजी का प्रण, दक्ष यज्ञ, सती का देह त्याग आदि प्रसंगों को सुन श्रोता मन्त्र मुग्ध हो गये। कथा में मुख्य रूप से पूर्व विधायक तेजभान सिंह प्रियंक हरि विजय तिवारी मुसाफिरखाना ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि दिनेश प्रताप सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि शाहगढ़ डी के श्रीवास्तव विनय शास्त्री राजेश सिंह कटारी जिला पंचायत सदस्य केडी सरोज रामसुफल पासी भटगवा प्रधान बब्बन सिंह प्रधान ललित सिंह राममूर्ति सिंह शेखर सिंह सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे।