रसिकजनों को अत्यधिक प्रिय है अष्टयाम लीला दर्शन – स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज
1 min readREPORT BY DR GOPAL CHATURVEDI
VRINDAVAN NEWS I
वृन्दावन के पानीघाट क्षेत्र स्थित श्रीमलूक पीठ गौ शाला के सत्संग लीला मंडपम् में निकुंज लीला प्रविष्ट रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा की पावन स्मृति में नवदिवसीय निकुंज अष्टयाम दर्शन एवं अष्टयाम चर्चा महोत्सव जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज की अध्यक्षता में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।
जिसमें प्रातःकाल श्रीनिकुंज बिहारी रासलीला मंडल,वृन्दावन के द्वारा रासाचार्य स्वामी कुंजबिहारी शर्मा के निर्देशन में वन विहार याम लीला का अत्यंत मनोहारी व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।साथ ही ठाकुरश्री रासबिहारी सरकार की मंगला आरती की गई।
अपराह्न में अष्टयाम चर्चा में जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि रसिकजनों को अष्टयाम लीला दर्शन अत्यधिक प्रिय है।जिस प्रकार भगवान के प्राण प्यारे भक्त की संपत्ति ठाकुर की सेवा करना है, उसी प्रकार ठाकुरजी की सहचरियों की संपत्ति अष्टयाम सेवा ही है।इस संपत्ति का कोई भी रसिकजन त्याग नही कर सकते हैं ।
महोत्सव में श्रीगोरीलाल कुंज के महंत स्वामी किशोरदास देव जू महाराज, संत बाबा अलवेली शरण, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, गिरधर गोपाल भक्तमाली महाराज, संगीताचार्य मनमोहन शर्मा, गौरव शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, आनंद शुक्ला,संत जयकिशोर शरण, जयप्रिया शरण (जानकी दास) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।