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2047 से पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा में स्थापित होगा रुपया !

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नई दिल्ली।
रुपये को 2047 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में स्थापित को लेकर सरकार ने और कदम बढ़ाया है, रुपए में आयात निर्यात को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है I
हाल ही में वित्त मंत्रालय एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने एक बैठक करके रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनाने की दिशा में एक मैकेनिज्म तैयार करने के बारे में विचार विमर्श किया। जिससे रुपए को वैश्विक मुद्रा के रूप में स्थापित किया जा सके। सरकार ने रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनाने की पहल शुरू कर दी है । इस संबंध में पिछले सप्ताह विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी)की तरफ से रुपए में आयात-निर्यात को लेकर अधिसूचना जारी की गई । इससे रुपये में विदेशी कारोबार में आने वाली सभी बाधाएँ खत्म हो जाएंगी । सूत्रों की मानें तो सरकार 2047 तक रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा में स्थापित करना चाहती है I जिससे आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के पूर्व रुपए की कीमत किसी अन्य देशों से कम ना रहे। आयात निर्यात से जुड़े कारोबार करने वाले की मानें तो डॉलर की तंगी झेल रहे रुपया के स्थापित होने से अन्य देशों से कारोबार करने में सहूलियत मिलेगी। इससे अरब व रूस जैसे देश से कारोबार करने से आयात बिल में राहत मिलेगी और दोनो देशों से भारत का आयात भी तेजी से बढ़ता रहा है I भारत का आयात निर्यात के कारोबार में 40% से अधिक अमेरिकी डॉलर का प्रयोग किया जा रहा है। फियो के सीईओ व महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही रूस के साथ रुपए से कारोबार शुरू हो जाएगा इसके बाद सऊदी से भी रुपए से व्यापार शुरू किया जाएगा अगर दोनों देशों से व्यापार शुरू हो गया तो माना जाए एक तरह से रुपए का अंतरराष्ट्रीय करण शुरू हो गया। फियो के पूर्व अध्यक्ष शरद कुमार सराफ का कहना है कि इसके बाद महेश मैक्सिको ब्राजील श्रीलंका वाह बांग्लादेश से भी रुपए में व्यापार किया जाना आसान हो जाएगा और धीरे-धीरे रुपए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित हो जाएगा ।यह भारत के आर्थिक जगत में क्रांति के समान होगी। जिस प्रकार विश्व भर में वैश्विक समस्याएं खड़ी हो गई हैं । अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता नाम की चीज नहीं रह गई है वहीं अमेरिका की मुद्रा अमेरिकी डालर भी दिनोंदिन खस्ताहाल में पहुंच रहा है जबकि इसी मुद्रा से विश्व में सर्वाधिक व्यापार किया जा रहा है इस वैश्विक समस्या का समाधान के लिए सरकार की एक अच्छी पहल है जिससे डॉलर के प्रति आत्म निर्भरता घटेगी और रुपए के प्रति स्वालंबन बढ़ेगा इसके साथ ही रूपए कि जब मजबूती होगी तो देश की आर्थिक व्यवस्था भी मजबूत होगी विश्व में रुपए की स्थिति और मजबूत होगी जिससे निर्भरता कम होगी भारत के ऊपर ऋण बोझ भी कम होगा साथ ही भारत के अंदर महंगाई पर भी रोक लगेगी । अगर इस सरकार के इस आर्थिक नीति जिसमें रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित करने की मंशा है, सफल होती है और वह भी 2047 से पहले जो कि भारत अपना 100 वें आजादी का दिवस मनाएगा यह उसके लिए गौरव की बात होगी।

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