वर्षों से अधूरा पड़ा है प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण, बच्चे फर्श पर बैठने को हैं मजबूर
1 min readREPORT BY BRIJESH YADAV
AMETHI NEWS I
जहां सरकार एक तरफ सरकारी स्कूलों को मॉडल बनाने का दम भर रही है, वही दूसरी तरफ विकासखंड शुकुल बाजार की ग्राम पंचायत हुसैनपुर में बने प्राथमिक विद्यालय पूरे पठान की दुर्दशा देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि शिक्षा विभाग गरीब बच्चों की पढ़ाई को लेकर कितना सजग है । भवन नसीब होने के बाद भी बच्चे फर्श पर बैठने को मजबूर हैं I
वैसे क्षेत्र में तमाम सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं जहां उच्च स्तर की सुविधाएं मौजूद हैं । परंतु इस विद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है । इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भवन के साथ ही भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है I सरकारी लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है I
यह किसी कहानी का हिस्सा नहीं है। बात हो रही है क्षेत्र की हुसैनपुर ग्राम पंचायत के आधे अधूरे पड़े पूरे पठान प्राथमिक विद्यालय की। यहां वर्ष 2012 में गाटा संख्या 713 पर प्राथमिक विद्यालय का भवन निर्माण विभाग ने शुरू कराया।विद्यालय निर्माण के साथ-साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वादा भी किया गया था l
यहां पठन-पाठन कर रहे बच्चों को अपना भवन तो नसीब हो गया पर विद्यालय निर्माण अभी भी अधूरा है । विद्यालय में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। शौचालय, किचन सब अधूरे पड़े हुए हैं ।
दीवार बना कर छत डाल दी गई। उसके बाद गांव के शराफत उल्ला ने उक्त भूमि को अपना बताते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। एक दशक तक यह मामला न्यायालय में रहा।
ग्राम पंचायत स्तर पर समस्या का निकाला गया हल
भवन निर्माण अधूरा होने के कारण ग्राम प्रधान ने समझौते का प्रयास किया। याची को ग्राम समाज के खाते से उत्तनी भूमि देकर स्कूल की भूमि को बचाए रखने का दो जनवरी 2023 को प्रस्ताव कर उपजिलाधिकारी को भेज दिया। उन्होंने याची से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर उक्त भूमि को विद्यालय के लिए आवंटित कर दी गयी।
आदेश मिलते ही शुरू करवा दिया जाएगा निर्माण
खंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र कुमार शुक्ल बताते हैं कि उच्च अधिकारियों के द्वारा जो भी रिपोर्ट मांगी गई थी, उन्होंने प्रेषित कर दिया है। अधूरे भवन निर्माण का आदेश उच्च अधिकारियों को ही देना है। जैसे ही आदेश मिलता है निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
अधिकारियों की लापरवाही से खाता संचालन में परिवर्तन नहीं हुआ- ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान सतीश मिश्र ने बताया कि विद्यालय के खाते में साढ़े पांच लाख रुपये हैं। अधिकारियों ने कई बार खाता संचालन में परिवर्तन का आश्वासन दिया। किंतु आज तक वह मूर्तरूप नहीं ले सका है। उनका आरोप है कि अधिकारी खुद नहीं चाहते कि अधूरे भवन का निर्माण पूरा हो।
शेष निर्माण का हो चुका है मूल्यांकन
प्रधान की मानें तो मुख्य विकास अधिकारी द्वारा टीम गठित कर शेष निर्माण का मूल्यांकन कराया गया था। अभियंता ने नौ लाख रुपये का आकलन बनाया था। किंतु सीडीओ ने विद्यालय के खाते में जमा धनराशि के सापेक्ष आकलन बनाने का फिर से आदेश दिया था। इसके बाद भी काम पूर्ण करने का आदेश निर्गत नहीं हुआ।
रसोई का हाल है बेहाल
यहां रसोई का हाल बड़ा बुरा है। खिड़की दरवाजे तक नहीं है। इसके अंदर कोई गंदगी न कर दे। इसलिए दरवाजे पर कटीली झाड़ियां रख दी जाती हैं।
बिना खिड़की दरवाजों के है विद्यालय भवन
फर्श पर बैठने को मजबूर है बच्चे विद्यालय भवन में न तो प्लास्टर हुआ है न ही फर्श बनी है। खिड़की दरवाजे भी नहीं लगे हैं। सर्द मौसम में जैसे-तैसे बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे है।स्कूल में आए दिन जहरीले सांप और बिच्छू निकलते हैं, जो कभी भी बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
कक्षा दो की छात्रा मनीषा, पहली कक्षा की रूमा और जान्हवी स्कूल में सांप और बिच्छू निकलने की बात बताती हैं। एक वर्ष बीत गए विद्यालय की हालत जस – तस है I शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसे लेकर किसी तरह की गंभीरता देखने को नहीं मिल रही है I इतना जरूर है कि माॅडल स्कूल बनाने के सरकारी दावों को झुठला रहे हैं I