हाईकोर्ट ने मुख्य विकास अधिकारी को भेजा कारण बताओ नोटिस, क्यों नहीं किया अनुपालन
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अमेठी। पंचायतराज विभाग में एक के बाद एक घटाले सामने आ रहें, घोटालों की लिस्ट इतनी लम्बी है कि मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। जिसके उच्च न्यायालय लखनऊ की खण्डपीठ अमेठी मुख्य विकास अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
आपको बताते चले कि पंचायती राज विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों ने अपने चहेतों के खाते में लाखों रुपए भेज दिए। बाजार शुकुल ब्लॉक के रहने वाले एक शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद मामला तूल पकड़ते जा रहा है।
इक्कताजपुर गांव के रहने वाले सुरजीत यादव ने डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ को दिए गए शिकायती पत्र में पंचायतीराज विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर चार बार में लगभग 200 ग्राम पंचायत की शिकायतें की हैं।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सचिव धर्मेंद्र श्रीवास्तव और संजय कुमार द्वारा विकासखंड अमेठी में अपनी तैनाती के दौरान ग्राम पंचायतों के खातों से अलग-अलग तारीखों में कई लाख रुपए अपने चहेते प्रमोद कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
ये रूपये रेभा, हिमक्तगढ़, नरैनी, महसो, त्रिलोकपुर, रामगढ़ सहित कई ग्राम पंचायतों की निधि से ट्रांसफर किए गए हैं। कुछ ऐसा ही मामला तिलोई में भी हुआ, यहां एडीओ पंचायत का प्रभार देख रहे ग्राम पंचायत अधिकारी अनुराग यादव द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर आदित्य कुमार गुप्ता के खाते में अलग-अलग ग्राम पंचायतों की निधि से 20 लाख से अधिक रुपए ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
इनके खिलाफ भेलाई कला, रमई, कमई, ढोढनपुर, सेमरौता, हसवा तिलोई की ग्राम पंचायतें और लोनियापुर, कोरारी गिरधरशाह, डेहरा, नुवावा, गंगौली में गड़बड़ी की शिकायत की गई है।
शिकायतकर्ता सुरजीत यादव का आरोप है कि जिले की तीन सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में सरकारी धन की बंदरबांट हुई है। संग्रामपुर जगदीशपुर तिलोई और बाजार शुकुल विकासखंड में भी कई ग्राम पंचायतों में प्रधान व उनके परिजनों के खाते में सरकारी धन अंतरण करने को लेकर भी उन्होंने शिकायत की है।
जिस तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी डा अंकुर लाठर ने 30 जुलाई 2022 को जिला विकास अधिकारी एवम् वित्त लेखाधिकारी डीआईओएस कार्यालय की टीम गठित करते हुए तत्काल जांच का आदेश दिया था।
शिकायत कर्ता- सुरजीत यादव
जिस पर कार्यवाही न होते देख सुरजीत यादव ने एक जनहित याचिका 910/2022 योजित किया जिस पर न्यायालय ने तत्काल नियमानुसार जांच करके कार्यवाही का आदेश दिया, परन्तु जिले के अधिकार मामले में कोई कार्यवाही नहीं चाह रहे हैं I
जिस पर सुरजीत यादव ने पुनः उच्च न्यायालय का रुख करते हुए अवमानना का वाद दायर किया , जिस पर न्यायालय ने विचार करते हुए हुए कहा कि इस मामले को 20.09.2023 तक, एकमात्र विपक्षी मुख्य विकास अधिकारी यह बताए कि इस न्यायालय द्वारा रिट (पीआईएल) संख्या 910/2022 में पारित आदेश दिनांक 19.05.2023 का अनुपालन उसकी मूल भावना के अनुरूप क्यों नहीं किया गया है।
फिलहाल अब देखना है, उक्त भ्रष्टाचार में जिले के अफसर कितनी तेजी दिखाते हैं।