सदगुरुदेव ही व्यक्ति को ईश्वर से मिलाते हैं : आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज
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वृन्दावन। रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में द भागवत मिशन फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रहे अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव में विश्वविख्यात भागवत रत्न आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को सप्तम दिवस की कथा श्रवण कराई।
इससे पूर्व गुरु दीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों को आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने गुरुमंत्र की दीक्षा दी।साथ ही उन्होंने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि गुरु तत्व की महिमा सभी छ: शास्त्रों व 18 पुराणों में रचित है।सदगुरु को ईश्वर से भी अधिक उच्च माना गया है,क्योंकि ईश्वर से मिलाने वाले सदगुरु ही होते हैं।
महाराजश्री ने कहा कि मानव जीवन में सदगुरु का होना अति आवश्यक है।क्योंकि सदगुरु ही हमें संसार रूपी भवसागर से पार कराने का कार्य करते हैं।साथ ही हमें सद्मार्ग की राह दिखाते हैं।व्यक्ति के जीवन में अज्ञान के अंधकार का शमन करके विवेक व ज्ञान का प्रकाश उजागर करने वाले सदगुरुदेव ही होते हैं,इसीलिए सदगुरु का पद सदैव सर्वोच्च होता है।
इस अवसर पर आयोजन के मुख्य यजमान मुरलीधर अग्रवाल (बडविल, उड़ीसा) वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पंडित शिवनारायण मिश्रा, आचार्य किशोर कुमार शर्मा, आचार्य प्रमोद मिश्रा (राजा पंडित),आचार्य उमाशंकर शुक्ला, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा,अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- डॉ0 गोपाल चतुर्वेदी