कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मंदिर की जमीन बेच रहे भू माफिया
1 min readमथुरा I
सामाजिक कार्यकर्ता राधिका गोस्वामी ने जिला अधिकारी को लिखे एक पत्र में मांग की है कि वृंदावन के प्राचीन मंदिर श्री लाला बाबू मंदिर को भू माफियाओं द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर हो रही बिक्री को तत्काल रोकने की मांग की है I वृंदावन मंदिर देवालयो की प्राचीन भूमि है I
14 जून 2023 को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर श्री लाला बाबू मंदिर की संपत्तियों को नष्ट करते हुए अवैध बिक्री की लिखा पढ़ी सर्वरजिस्ट्रार द्वितीय मथुरा कार्यालय में शुरू की जा चुकी है I बही खाता संख्या 1 जिल्द संख्या 11 9 6 1 के पृष्ठ 9 7 से 110 तक क्रमांक 13638 पर 14 जून 23 को रजिस्ट्री कृत किया गया है I मंदिर को नष्ट करने के लिए भूमाफिया कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर पूरी संपत्तियों को बेचने नष्ट करने व खुर्द बुर्द करने के प्रयास में है I
अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेट ऑफ़ मध्य प्रदेश राज्य बनाम को पुजारी उत्थान कल्याण समिति के मामले में न्यायालय द्वारा एक अहम फैसला जारी किया गया जिसमें कहा गया कि किसी भी मंदिर के नाम मौजूद सारी संपत्ति के मालिक मंदिर के अधिष्ठाता मंदिर के देवता ही होते हैं पुजारी एवं प्रबंध समिति मालिक नहीं I
भगवान एक नाबालिग है तो नाबालिग की संपत्ति किसी भी प्रकार से बिक्री पट्टा ट्रांसफर नहीं हो सकती I सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि ब्रजभूमि में ही ऐसी सैकड़ों ऐसी संपत्तियां हैं, जिन पर लोगों ने सेवायत बनकर अवैध कब्जे कर रखे हैं I सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वृंदावन में मंदिरों की जमीन की बिक्री के बजाय पट्टे पर देने की प्रक्रिया लंबे समय से अपनाई जा रही है बाद में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर प्रबंध समिति सेवायत भू माफियाओं के साथ मिलकर ऐसी संपत्तियों को अपने निजी लाभ चलते नष्ट करा देते हैं I
ठीक इस प्रकार प्राचीन लाला बाबू मंदिर में ठाकुर जी से संबंध संपत्ति ठाकुर जी की ही है किसी भी व्यक्ति को ठाकुर जी की संपत्ति बेचने पट्टा ट्रांसफर करने का कोई अधिकार नहीं है I वर्तमान में फर्जी कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर प्राचीन लाला बाबू मंदिर की संपत्ति गैर कानूनी रूप से बेची जा रही है I वर्तमान में फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर लगातार बिक्री की जा रही है I
सामाजिक कार्यकर्ता राधिका गोस्वामी ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त मंदिर की प्राचीन देवत्र संपत्तियो को नष्ट होने ना दे तथा किसी भी प्रकार की लिखा पढ़ी मंदिर में विराजमान श्री ठाकुर जी महाराज के हितों व जनहित को देखते हुए नहीं होनी चाहिए I जनहित के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र एवं उचित निर्णय लिया जाय I