गीता प्रेस के शताब्दी समापन समारोह में शामिल हुए पीएम
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गोरखपुर, यूपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यहां गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में शामिल हुए। इसके बाद वे गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से उन्होंने गोरखपुर से वाया अयोध्या, लखनऊ तक चलने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।पीएम मोदी ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प वाली पुनर्विकास परियोजना का भी शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से ही जोधपुर-अहमदाबाद (साबरमती) वंदे भारत एक्सप्रेस का भी शुभारंभ किया।इस मौके पर उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस की एक बोगी में पीएम मोदी गए। ट्रेन में उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं को उन्होंने देखा। बोगी में पहले से बैठे बच्चों से उन्होंने बातचीत की। क्रू मेंबर्स को शुभकामनाएं दीं। इंजन को देख लेने के बाद वह ट्रेन से उतरे।
प्रधानमंत्री ने प्लेटफॉर्म नम्बर एक पर रखे गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के मॉडल के रिमोट का बटन दबाकर इस परियोजना का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने जोधपुर-अहमदाबाद वंदे भारत ट्रेन का वर्चुअल शुभारंभ किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, चेयरमैन रेलवे बोर्ड अनिल लोहाटी, पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण आदि भी मौजूद रहे।
बुजुर्गों,बच्चों और दिव्यांगजनों की सुगम यात्रा के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर से वाया अयोध्या, लखनऊ तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के चलने से गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक यात्रियों को आवागमन की सुगमता मिलेगी और इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह ट्रेन सांस्कृतिक, औद्योगिक और आर्थिक विकास की गति बढ़ाने में भी सहायक होगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली सबसे तीव्र गति की ट्रेन होगी और इससे दोनों नगरों की दूरी तय करने में करीब दो घंटे समय की बचत होगी। अत्याधुनिक सुविधाओं के चलते वंदे भारत की यात्रा हवाई जहाज की यात्रा का एहसास कराएगी।
सुविधाओं की बात करें तो पूर्णतः वातानुकूलित इस ट्रेन में खानपान सुविधा, आरामदायक और 360 डिग्री पर घूमने वाली सीट, टच फ्री शौचालय सुविधा, सेंसरयुक्त दरवाजे, वाईफाई के अलावा दिव्यांगजन के अनुकूल शौचालय एवम ब्रेल लिपि में सीट नम्बर अंकन की भी व्यवस्था है।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के नए भवन में गीता प्रेस और गोरखनाथ मंदिर की झलक भी दिखेगी
गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करेगी। अत्याधुनिकता के साथ स्टेशन स्थानीय विरासत प्रतीकों का भी प्रतिनिधि होगा। नए स्टेशन भवन में गोरखनाथ मंदिर और गीता प्रेस की झलक भी दिखेगी। इसमें मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स का प्रावधान किया गया है।
पुनर्विकास परियोजना में स्टेशन पर अत्याधुनिक सुविधाओं वाले रूफ प्लाजा, फूड आउटलेट, प्रतीक्षालय, एटीएम और बच्चों के लिए प्लेइंग एरिया का भी इंतजाम होगा। आधुनिक ग्रीन बिल्डिंग के कांसेप्ट में इसका निर्माण होगा और इसमें वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी।
पीएम मोदी के नेतृत्व में विरासत,आस्था और विकास की प्रगति -योगी
गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को नये भारत का निर्माता, भारत माता का महान सपूत और वैश्विक मंचों पर भारत को पहचान दिलाने वाला नेतृत्वकर्ता बताया।
मुख्यमंत्री ने पीएम के नेतृत्व में विरासत, आस्था और विकास की प्रगति यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि योग भारत की अति प्राचीन विधा है। पीएम मोदी ने पहली बार इसे वैश्विक मान्यता दिलाई। प्रधानमंत्री के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में स्वीकार किया। दुनिया के 180 देश योग का प्रसाद और उपहार ग्रहण कर भारत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंचों पर भारत का सम्मान बढ़ाया है। दुनिया के देशों, पापुआ न्यू गिनी, फिजी, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान या दुनिया का दादा कहे जाने अमेरिका में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता 140 करोड़ देशवासियों का गौरव बढ़ाती है और सभी नागरिकों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के लिए गीता के श्लोक,यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते, का उद्धरण देते हुए कहा कि श्रेष्ठ लोग जो आचरण करते हैं, उसका अनुसरण अन्य लोग भी करते हैं।
किसी मंदिर से कम नहीं है गीता प्रेस : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का इकलौता प्रकाशन संस्थान है जो सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि जीवंत आस्था है। गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली और अनेक संतो की कर्मस्थली के साथ गीता प्रेस की धरा गोरखपुर पर जब संतों का अशीर्वाद फलीभूत होता है, तब इस तरह के सुखद अवसर का लाभ मिलता है। यह विकास और विरासत का एक अद्भुत उदाहरण है।
श्री मोदी शुक्रवार दोपहर बाद धार्मिक, आध्यात्मिक पुस्तकों के प्रकाशन की सबसे बड़ी विश्व प्रसिद्ध संस्था गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी भी मंदिर से कम नहीं है।
इसके नाम में भी गीता है और इसके काम में भी गीता है। जहां पर गीता है वहां पर साक्षात कृष्ण हैं। जहां कृष्ण हैं वहां करूणा भी है और कर्म भी। वहां ज्ञान का बोध भी है और विज्ञान का शोध भी। क्योंकि गीता का वाक्य है कि सबकुछ वासुदेव में है। सबकुछ वासुदेव से ही है । उन्होंने कहा कि 1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है।
गांधी जी के सुझाव पर कल्याण पत्रिका में नहीं छपते हैं विज्ञापन
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर ही हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार भी दिया है। गांधी जी का गीता प्रेस से भावनात्मक जुड़ाव था। एक समय में गांधी जी कल्याण पत्रिका के माध्यम से गीता प्रेस के लिये लिखा करते थे। और, गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जाएं।
यह संस्था गांधी जी के उस सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है। आज जो पुरस्कार गीता प्रेस को मिला है वह देश की ओर से गीता प्रेस, इसके योगदान और इसके 100 वर्षो की विरासत का सम्मान है।
गीता प्रेस से प्रकाशित पुस्तकों की संख्या करोड़ों में- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि 100 वर्षो में गीता प्रेस से करोड़ों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यह संख्या किसी को भी हैरान कर सकती है। यहां प्रकाशित पुस्तकें लागत से भी कम मूल्य पर बिकती हैं, घर घर पहुचांई जाती हैं।
इस विद्या प्रवाह में कितने लोगों को आध्यात्मिक और बौद्धिक तृप्ति होती होगी, इसने समाज के लिये कितने ही समर्पित नागरिको का निर्माण किया होगा।
सिर्फ धर्म कर्म ही नहीं गीता प्रेस का एक राष्ट्रीय चरित्र भी है- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म ,कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है। गीता प्रेस भारत को जोड़ती है। भारत की एकजुटता को सशक्त करती है। देश भर में इसकी 20 शाखाएं हैं। देश के हर कोने में रेलवे स्टेशनों पर गीता प्रेस का स्टाल देखने को मिलता है। 15 अलग अलग भाषाओं में यहां से करीब 1600 प्रकाशन होते हैं।
कपिलदेव सिंह (यूपी)