इस अतिविशिष्ट सीट का मतदाता करेगा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
1 min readREPORT BY VIJAY YADAV
AMETHI NEWS I
देश की चर्चित लोकसभा सीटों में अमेठी संसदीय क्षेत्र विशिष्ट सीटों में मानी जाती है हो भी क्यों ना 1967 में स्थापित अमेठी लोकसभा क्षेत्र तब चर्चा में आई जब 1977 में गांधी परिवार के इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी ने चुनाव लड़ा लेकिन जनता लहर के चलते चुनाव हार गए फिर भी 03 वर्ष बाद ही इसी सीट से चुने गए I
तब से लेकर अब तक इस सीट पर गांधी परिवार का कब्जा रहा है ,जिसमें राजीव गांधी सोनिया गांधी राहुल गांधी चुने गए I तीन बार को छोड़कर कांग्रेस यहां से जीतती आ रही थी, लेकिन 2019 में मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 55000 वोटो से शिकस्त दे दी I श्रीमती ईरानी केंद्र में मंत्री बनी I
इस बार कांग्रेस ने गांधी परिवार के विश्वास पात्र साथी किशोरी लाल को अपना प्रत्याशी बनाया है जो कि इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं I सोमवार को इस लोक सभा सीट पर मतदान होना है जिसमें सभी 13 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है I
2024 के लोक सभा के चुनावों में सबसे चर्चित सीटों में शामिल वीवीआईपी अमेठी संसदीय क्षेत्र में यूं तो अमेठी जिले की चार विधान सभा क्षेत्र तिलोई जगदीशपुर अमेठी व गौरीगंज रायबरेली जिले की सलोन विधान सभा क्षेत्र के साथ ही सुल्तानपुर जिले की बल्दीराय ब्लॉक के 29 गांव शामिल है I
तीन जिलों की सीमा में बंधे अमेठी संसदीय क्षेत्र यूं तो काफी अरसे से वीवीआईपी दर्जा प्राप्त क्षेत्रों में शुमार रहा है। 1977, 1998 व 2019 के लोक सभा चुनावों के परिणामों को छोड़ दें तो यहां गांधी परिवार और उससे जुड़े लोग ही प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
1977 में जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह 1998 में भाजपा के डॉक्टर संजय सिंह व 2014 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज करने में सफल हुई हैं।
वही अमेठी के चुनावी मैदान में संजय गांधी राजीव गांधी कैप्टन सतीश शर्मा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के साथ ही बसपा संस्थापक कांशीराम जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे शरद यादव महात्मा गांधी के पौत्र राज मोहन गांधी अपनी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।