Crime news… बच्चे की हत्या का खुलासा,सौतेली माँ बनी काल, रिश्तों को किया कलंकित
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अमेठी I जिले के थाना जामों अंतर्गत रेसी गांव में विगत 12 जून को एक बच्चे का क्षत-विक्षत शव मिला था I जब घटना का खुलासा पुलिस ने किया तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आई I माँ एवं बेटे के रिश्ते को कलंकित करने का कार्य हुआ I अपनी मां ही अपने पुत्र की नृशंस हत्या कर देती हैं I भले ही माँ सौतेली है लेकिन मां का दिल तो था I कैसे मार डाला सभी ये सुन अचंभित हैं I
रेनू ने बच्चे की चाहत में दूसरे बच्चे की जान ले ली I इस घटना में मदद उसके माँ-बाप करते हैं I ज़माना चाहे जितना एडवांस हो, लेकिन समाज में आज भी नर पिशाच छुपे हैं जो अंधविश्वास में ऐसी घृणित कार्य कर रहे हैं I फिलहाल घटना के सभी चार अभियुक्त सलाखों के पीछे जा चुके हैं I तांत्रिक के चक्कर मे एक और अबोध की बलि चढ़ गई I
घटना का विवरण
जितेन्द्र प्रजापति पुत्र जगन्नाथ प्रजापति नि0 ग्राम रेसी थाना जामो द्वारा थाना जामो पर सूचना दी गई कि उनका पुत्र सत्येन्द्र प्रजापति (उम्र करीब 04 वर्ष) विगत 11 जून को खेलने के लिए घर से निकला था ,परन्तु वापस घर नही आया हम लोगों द्वारा काफी ढ़ूढ़ने पर जब वह नहीं मिला तब 12 जून को समय करीब 03:00 बजे सुबह यूपी 112 को सूचना दी गयी थी । समय करीब 06.00 बजे प्रात: गांव के ही दानबहादुर पुत्र रामलखन द्वारा मेरे पुत्र के शव को तालाब किनारे नाले में पड़े होने की सूचना दी गई ।
उक्त सूचना पर थाना जामो पर मु0अ0सं0 154/23 धारा 302 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही थी । उक्त घटना के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस अधीक्षक अमेठी द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये थे ।
पुलिस की कार्यवाही
उक्त घटना के अनावरण के क्रम में 14 जून को विवेक कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक थाना जामो मय हमराही द्वारा देखभाल क्षेत्र, तलाश वांछित/वारण्टी अभियुक्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर प्रकाश में आये 02 अभियुक्त मंगरू प्रजापति पुत्र स्व0 दयाराम नि0 ग्राम नाथूपुर थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी, दयाराम यादव पुत्र स्व0 रामसमुझ यादव नि0 ग्राम सरैया मजरे पूरे विसैनी थाना कुड़वार जनपद सुलतानपुर व 02 नफर अभियुक्ता प्रेमा देवी पत्नी मंगरू प्रजापति नि0 ग्राम नाथूपुर थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी, रेनू पत्नी जितेन्द्र प्रजापति नि0 ग्राम रेसी थाना जामो जनपद अमेठी को बंधवा नहर पुल के पास से समय करीब 05.30 बजे प्रात: गिरफ्तार किया गया ।
गिरफ्तार अभियुक्तों की निशान देही पर घटना स्थल के पास झाड़ियों से आलाकत्ल गमछा, नींबू, जायफल आदि तंत्र-मंत्र का सामान बरामद हुआ ।गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर मुकदमा उपरोक्त में धारा 201, 34 भादवि की बढ़ोत्तरी की गयी । थाना जामो पुलिस द्वारा आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है ।
बेटे की चाहत में सौतेले बेटे की कर दी हत्या
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त मंगरू व अभियुक्त प्रेमा देवी ने बताया कि हम लोगों ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व अपनी बेटी रेनू का दूसरा विवाह थानाक्षेत्र जामों के रेशी के रहने वाले जितेन्द्र प्रजापति के साथ किये थे, जितेन्द्र को उसकी पहली पत्नी छोड़कर चली गयी थी जिससे पैदा हुआ एक 04 वर्षीय पुत्र गोपी उर्फ सत्येन्द्र अपने पिता जितेन्द्र के साथ ही रहता था ।
शादी के बाद रेनू अक्सर बीमार रहती थी तथा बार-बार उसको मिसकैरेज हो जा रहा था जिससे उसको कोई बच्चा न होने पर हम लोग परेशान होकर तंत्र-मंत्र करने वाले दयाराम यादव उपरोक्त से बात किया तो दयाराम ने बताया कि बच्चा सकुशल होने के लिए एक बच्चे की बलि देनी पड़ेगी नहीं तो बच्चा खराब हो जायेगा । इस बात को हम लोगों ने अपनी बेटी रेनू को बताया तो उसने कहा कि मेरी सौतन का चार वर्षीय बेटा गोपी उर्फ सत्येन्द्र है, अगर उसकी बलि दे दी जाय तो मेरा होने वाला बच्चा सुरक्षित हो जायेगा और सम्पत्ति का बंटवारा भी नहीं होगा ।
मेरी बेटी रेनू ने बताया कि 11 जून को पड़ोस में शादी है भीड़-भाड़ व शोरगुल होने पर बलि आसानी से दे देंगे । योजना के अनुसार 11 जून की रात्रि करीब 08:00 बजे मोबाइल से वार्ता कर हम लोग ग्राम रेसी बन्धे के पास पीपल के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुए जहां पर तांत्रिक दयाराम ने तंत्र-मंत्र करते हुए गोपी उर्फ सत्येन्द्र को अगरबत्ती से जलाया गया जलाया गया तो वह चिल्लाने लगा I
जिससे डर कर हम सब लोग यूकेलिप्टस के पेड़ की आड़ में सूनसान स्थान पर ले जाकर मेरी पत्नी प्रेमा देवी व बेटी रेनू ने गोपी उर्फ सत्येन्द्र के गले में एक गमछे से फंदा लगाकर कस दिया, जिससे गोपी उर्फ सत्येन्द्र की मृत्यु हो गयी, इस समय मैं (मंगरू) बच्चे का पैर पकड़े हुए था तथा तांत्रिक दयाराम यादव तंत्र-मंत्र पढ़ रहा था ।
जब हम लोगों को विश्वास हो गया कि गोपी उर्फ सत्येन्द्र की मृत्यु हो गयी तो प्रेमा देवी व रेनू ने मिलकर बच्चे की दोनों आंख, एक कान, गाल, कन्धा, दाहिने हाथ की कोहनी, ठुड्डी, एक हाथ की अंगुली पर कपूर डाल कर माचिस तथा चिलम से चला दिया था । पकड़े जाने के डर से कर्मकाण्ड पूरा होने के पश्चात शव को गड्ढ़े में छिपाकर हम तीनों लोग (मैं, मेरी पत्नी व तांत्रिक दयाराम) एक साथ मोटर साइकिल से मुसाफिरखाना व मेरी बेटी रेनू अपनी ससुराल ग्राम रेशी चली गयी ।