कड़ी मशक्कत के बाद आखिर मिला आरिफ का दोस्त सारस
1 min readरायबरेली/लखनऊ I
बुधवार को सलोन के पक्षी विहार से बहुचर्चित सारस अचानक गायब हो गया I गायब होने की सूचना पर वन विभाग महकमे में हड़कंप मच गया I जिसे ढूंढने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम निकल पड़ी और आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद करीब 6 घंटे बाद पक्षी विहार से करीब 5 किलोमीटर दूर सलोन के विसैया गांव में सारस को ढूंढ निकाला है I
मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सारस के मिलने पर राहत की सांस ली I इसके साथ ही इसकी विशेष निगरानी की जा रही है I बताते चलें कि मंगलवार को आरिफ के घर से लाये गए सारस पक्षी को समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया था।अब सारस पक्षी का पक्षी विहार में लोकेशन नही मिल रहा है। वन विभाग के अधिकारियो के मुताबिक बुधवार चार बजे के बाद से सारस को नही देखा गया है।
सारस पक्षी उस समय चर्चा में आया था,जब आरिफ नाम के शख्स के साथ उसकी दोस्ती के किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आरिफ और सारस की दोस्ती देखने जामो पहुँचे थे। मंगलवार को वन विभाग के अधिकारी आरिफ के घर पहुँचे थे। विभागीय अधिकारियों ने आरिफ को बताया कि सारस को स्वतंत्र वातावरण देने के लिए उसे खुले वातावरण में छोड़े जाने का आदेश हुआ है। जिसके बाद सारस को सलोन के समसपुर पक्षी विहार में लाकर छोड़ा गया था।
बुधवार चार बजे से सारस लापता है। क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि चार बजे तक सारस को देखा गया था। इसके बाद से उसे नही देखा गया। टीम राउंड पर खोजबीन करने में जुटी हुई थी I करीब 6 घंटे के बाद सारस के बारे में पता चल सका जो कि विसैया गांव में ग्रामीणों के पास मिला I ग्रामीणों के अनुसार इसे आवारा कुत्तों ने घेर रखा था जिसे बचाकर ग्रामीण के घर पर रखा गया, जहां उसे भोजन भी दिया गया I
विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर सारस को लेकर पक्षी विहार पहुंची, जहां उसे विशेष निगरानी में रखा गया है I बताया जाता है कि सारस विचरण करते हुए पक्षी विहार से निकलकर गांव में पहुंच गया था। जहां पर ग्रामीणों ने उसे रोटी और अन्य खाद्य पदार्थ दिया था। ग्रामीणों ने बताया कि सारस ने बड़े चाव से भोजन किया है। ज्ञात हो कि यह सारस पक्षी उस समय चर्चा में आया था,जब आरिफ नाम के शख्स के साथ उसकी दोस्ती के किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आरिफ और सारस की दोस्ती देखने जामो पहुंचे थे। उसके बाद प्रशासनिक अमले में सक्रियता बढ़ी और सारस को आरिफ से अलग करके उसे पक्षी विहार में छोड़ दिया गया था। क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि सारस विसैया गांव में मिल गया है।
उसे पक्षी विहार में रखा गया है। अब उसकी विशेष निगरानी की जा रही है। सूत्रों की माने तो सारस के गायब होने की खबर सुनकर सरकार के वन मंत्री भी स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर जल्द से जल्द सारस को ढूंढ निकालने के बाद कही थी I
अखिलेश ने ट्विटर के माध्यम से गायब होने और मिलने की जानकारी साझा की
अखिलेश यादव ने बुधवार को शाम जब सारस गायब होने की जानकारी मिली तो उन्होंने सरकार को जिम्मेदार मानते हुए ट्विटर पर लिखा कि उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है। उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है। भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे।
बहुचर्चित सारस को लेकर गंभीरता दिखाते हुए उसके मिलने की सूचना ट्वीट के माध्यम से वीडियो साझा करते हुए लिखते हैं कि उप्र के पक्षी-प्रेमी ‘बी सैया’ नामक गाँव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र की सरकार नाकाम रही। “सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती… भाजपाई अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफ़रत कुछ कम हो जाए।”
क्या कहते हैं क्षेत्राधिकारी पक्षी विहार
इस मामले में समसपुर पक्षी विहार के क्षेत्राधिकारी रूपेश कुमार श्रीवास्तव से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि सारस पक्षी की खोजबीन के लिए हमारे विभाग की टीम तो काम कर ही रही थी उसके साथ-साथ आसपास के गांव के लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही थी जिसमें विसैया गांव निवासी सतीश पुत्र छिटई को बुधवार की रात को गांव में विचरण करते हुए सारस मिला था जिसकी सूचना समस पुर पक्षी विहार को मिली। आनन फानन में वन दरोगा सुसील कुमार सैलेश के नेतृत्व में समसपुर की टीम भेजी गई थी वहा से सारस को लाकर समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया है। वह आस पास के क्षेत्रो में विचरण कर रहा है। समस पुर पक्षी विहार की टीम सारस पर मैनिट्रिंग कर रहा है। सारस पक्षी हम सब की नजर में है।
रिपोर्ट-अजीत सिंह (रायबरेली)