हे प्रभु…. रहम करो
1 min readलखनऊ I
एक खेत में एक किसान गेंहूँ फसल गिरने से सिर पर हाथ रखकर बैठ जाता है और दूसरा हाथ आकाश की तरफ उठाकर देखता है I लगता है मानो ईश्वर से यही कह रहा है कि हे प्रभु… अब रहम कर दो…..! इस तस्वीर को देखकर दिल बैठ जाता है कि किसानों का कितना नुकसान हुआ है I तस्वीर अपने में बहुत कुछ बयां कर रही है I
शनिवार की दोपहर के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित आसपास के जिलों में तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बेमौसम बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। जगह जगह जल भराव के साथ होने के साथ ही किसानों की खड़ी फसलों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है ।
मौसम विभाग की तरफ से जारी अलर्ट के बाद शनिवार की दोपहर में अचानक बदले मौसम के चलते हुई तेज हवाओं के साथ बारिश हुई I वहीं कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे ।बेमौसम बरसात होने से सबसे ज्यादा चिंतित किसान दिखे ।खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों के साथ ही सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।जगह जगह खेतो में खड़ी गेहूं की फसल गिर गई जिससे औसतन उत्पादन प्रभावित होने की संभावनाएं बढ़ गई है।
कई जगह ओले गिरने की वजह से खेतो मे खड़ी फसलों के साथ ही आम के बौर गिर जाने से आम की पैदावार कम होने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ विद्युत कर्मियों की चल रही हड़ताल के चलते दर्जनों गांवों व कस्बे अंधेरे में डूबे हुए हैं I वही बेमौसम बारिश ने बची खुची कसर भी पूरी कर दी है। विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने से समाज के सभी तबके की मुश्किलें और बढ़ा दी है। कुछ गांवों में पिछले 72 घंटे से ही आपूर्ति प्रभावित है I वही बेमौसम बरसात व तेज हवाओं से विद्युत तारों के साथ ही खंभे भी प्रभावित हो गए हैं।
तेज हवाओं ने फसलों पर ढाया कहर
मौसम में अचानक बदलाव के कारण अच्छी दिख रही फसलों को भारी नुकसान हुआ बारिश के चलते और जगह-जगह ओला गिरने से फसलों को नुकसान हुआ I लेकिन नुकसान को कई गुना अधिक बढ़ाने का कार्य तेज हवाओं ने किया इसमें सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ I गेहूं के पौधे इन हवाओं को झेल नहीं पाए और जमींदोज हो गए I
जिसके कारण फसलों के उत्पादन में भारी कमी आने की संभावना है , क्योंकि फसल करीब-करीब तैयार हो चुकी थी I दाने भी पकने के कगार पर थे I इस बीच में अगर गेहूं की फसल गिर जाती है तो फसल को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है I कहने का अर्थ है कि यह समय में मौसम का बदलाव किसानों के लिए भारी पड़ रहा है और नुकसान अधिक बढ़ने की संभावना पैदा करता है I
किसान की मुस्कान मायूसी में बदली
इस बार प्रदेश के किसानों को इस बार अच्छी फसल होने के चलते उत्पादन बढ़ने की उम्मीद थी, चाहे गेहूं की फसल रही हो या फिर दलहनी फसलें अच्छी दिख रही थी I खेतों में जाते हुए किसान के चेहरे पर फसल देखते ही एक खुशी की मुस्कान दिखाई पड़ती थी I लेकिन उनके माथे पर सिलवटें उस समय पड़ गई जब मौसम विभाग ने पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए 14 से 20 मार्च के बीच भारी बारिश ओला पड़ने की संभावना व्यक्त की I
यह अनुमान सही भी साबित हुआ, तब से लेकर प्रदेश में जगह-जगह पर बाहरी चमक गरज के साथ तेज बारिश हुई I हवाएं तेज चली साथ ही जगह-जगह पर ओले भी गिरे, जिससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है I देखना है कि सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए क्या करती है ! क्या इनकी भरपाई हो पाएगी! ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा I