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विधानसभा में विधायक ने उठाया बहुचर्चित जर्जर कादूनाला-थौरी व मुसाफिरखाना-पारा मार्ग का मुद्दा

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लखनऊ I

अमेठी जिले के मुसाफिरखाना क्षेत्र की बहुचर्चित कादूनाला थौरी व मुसाफिरखाना पारा मार्ग की जर्जर व खस्ता हाल सड़को का मामला एक बार फिर से विधान सभा में गूंजा । गौरीगंज सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के सवाल पर सरकार की तरफ से उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा दोनो सड़को को तीन महीने के भीतर बनवाने का आश्वासन दिया गया है। जिससे एक बार फिर से स्थानीय जनमानस में उम्मीद जगी है।

करीब पांच साल से मुसाफिरखाना विकास क्षेत्र की दो प्रमुख मार्ग क्षेत्र के कादूनाला के पास से हाईवे से निकल कर अयोध्या रायबरेली सड़क को जोड़ती है वही मुसाफिरखाना कस्बे से निकल कर सुल्तानपुर को जोड़ने वाली इसौली पारा मार्ग काफी जर्जर हालत में हैं ।दोनो सड़को को लेकर काफी सक्रिय रहे स्थानीय सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह लगातार अमूमन विधान सभा के सत्र में मामला उठाते रहे हैं।

2022 के विधान सभा चुनावों से पूर्व सपा विधायक की शिकायत पर विधान सभा की प्राक्कलन समिति दो बार व एसआईटी की टीम दोनो सड़को की गुणवत्ता की जांच कर चुके हैं।किंतु सड़को की हालत में कोई सुधार न होता देख विधायक राकेश प्रताप सिंह ने 02 अक्टूबर 2021 को विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर अनशन व आमरण अनशन शुरू कर दिया था।

आमरण अनशन के दौरान उनके गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने सपा विधायक को कथित तौर पर जबरन लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया।सपा नेतृत्व के निर्देश पर पहुंचे तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी सहित अन्य नेताओं ने विधायक राकेश प्रताप सिंह का अनशन तोड़वा दिया था ।मामला विधान सभा में गूंजने के दौरान कई बार सरकार की तरफ से दोनो सड़को के निर्माण का आश्वासन मिलता रहा ।

किंतु धरातल पर कोई काम नहीं हो सका। विधान मंडल के चालू सत्र में एक बार फिर से स्थानीय सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने दोनो सड़को की जर्जर व खस्ताहाल को लेकर फिर से मुद्दे को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। जिस पर सरकार की तरफ से दोनो सड़को को तीन महीने के अंदर बनवाने का आश्वासन दिया गया।जिससे एक बार फिर से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है।गौर तलब रहे कि दोनो सड़को को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच लगातार आरोप प्रत्यारोप का क्रम चलता रहा है।

स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी दोनो सड़को की स्थिति को लेकर पत्राचार करते हुए सड़को को बनाने का निर्देश जारी किया था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आश्वासन के बाद भी सड़को के निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका। फिलहाल अब देखने वाली बात है कि विधान सभा में मामला गूंजने के बाद उद्योग मंत्री के सदन में आश्वस्त करने के तीन महीने के समय सीमा में सड़को की हालत में सुधार होता है कि नही ।

रिपोर्ट-विजय यादव (सह सम्पादक)

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