दस हजार में बिकती रही मार्कशीट, पुलिस ने किया गिरोह का खुलासा
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लखनऊ I
जी हाँ लिखने पढ़ने की क्या आवश्यकता है जब पैसे से ही मिल रही मार्कशीट I बस पांच से दस हजार खर्च करिए मिल जायेगी मार्कशीट, लगा न आपको अचंभित कर ने वाली बात I लेकिन ऐसा हो रहा था I जानकारी के अनुसार हापुड़ जिले के नगर कोतवाली पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए जनसेवा केन्द्र की आड़ में फर्जी मार्कशीट, व अन्य सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह के एक शातिर सदस्य को गिरफ्तार किया है।
जिसके कब्जे से भारी मात्रा में विश्विद्यालयों शैक्षिक संस्थानों की फर्जी मार्कशीट माईग्रेसन सर्टिफिकेट व मार्कशीट बनाने के उपकरण बरामद किये गये हैं। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि नगर पुलिस को कुछ दिनों पूर्व मुखबिर खास से सूचना मिली कि कोतवाली क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज बनाने का कार्य किया जा रहा है। कोतवाली प्रभारी संजय पांडेय ने उक्त मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी।
जिसमें पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में एसओजी सहित दो टीमों का गठन किया। जिसमें मंगलवार को उप निरीक्षक पारस मलिक के नेतृत्व में एसओजी टीम व उप निरीक्षक जसवंत सिंह के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस टीम ने बुलंदशहर रोड़ करीमनगर स्थित एक जनसेवा केंद्र पर छापेमारी कर आशीष कुमार नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया। जिसके कब्जे से फर्जी मार्कशीट व अन्य दस्तावेज बरामद हुए।
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह कम्प्यूटर/लैपटॉप, कौरल ड्रो व स्कैनर की सहायता से फर्जी मार्कशीट, सनद, डिग्री एवं अन्य प्रमाण पत्र तैयार कर फर्जी मोहर लगाकर असल के रूप में तैयार करता था। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर डिमाण्ड मिलने पर फर्जी मार्कशीट तैयार कर प्रत्येक मार्कशीट के 5 से 10 हजार रूपये लेकर लोगों को उपलब्ध कराते थे। जोकि अलग-अलग प्लेटफॉर्म में नौकरी एवं विश्विद्यालयों/शैक्षिक संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए प्रयोग में लायी जाती थी।
गिरोह का सरगना जेल से चला रहा था नेटवर्क
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। गिरोह का सरगना जेल में बंद है। जिसके आदेश पर उसका भाई डिमांड आने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके ग्राहक को उपलब्ध करा रहा था। जिसको पुलिस तलाश कर रही है।
आरोपी के कब्जे से हुई बरामदगी
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 105 फर्जी मार्कशीट, 8 फर्जी माइग्रेसन सर्टिफिकेट, 55 सौ रुपये नगदी, एक मोबाइल फोन, एवं फर्जी मार्कशीट बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस फर्जी मार्कशीट लेने वाले लोगों की भी जांच कर रही है।