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रमाबाई अंबेडकर मैदान में हुआ शिक्षामित्रों का कुम्भ,आरपार की लड़ाई का एलान

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लखनऊ । सोमवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान में आयोजित शिक्षामित्र महासम्मेलन में भारी भीड़ जुटी। शिक्षामित्रों ने सेवा के नियमितीकरण की मांग के साथ आरपार की लड़ाई लड़ने का एलान किया। उत्तर प्रदेश में एक लाख से ज्यादा शिक्षामित्र महासम्मेलन और प्रदर्शन करने रमाबाई मैदान पहुंचे।यूपी के 75 जनपदों से एक लाख से ज्यादा शिक्षामित्र परिवार समेत लखनऊ पंहुचे थे।

शिक्षा मित्र 2017 में उच्चतम न्यायालय से समायोजन निरस्त होने के बाद से समायोजन बहाली व मानदेय वृद्धि जैसी प्रमुख समस्याओं को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। करीब 1.46 लाख शिक्षामित्र इस प्रदर्शन के माध्यम से योगी सरकार से ‘नियमितीकरण करो सरकार…’ की गुहार लगा रहे हैं।यह महासम्मेलन शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में साल 1999 से नियमित शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राइमरी स्‍कूलों में संविदा के आधार पर शिक्षामित्रों को रखा जा रहा है। धीरे-धीरे शिक्षामित्रों का मानदेय भी बढ़ाया गया लेकिन बढ़ती महंगाई में शिक्षामित्रों को मिलने वाला मानदेय काफी नहीं है।वहीं, साल 2014 में ट्रेनिंग के जरिए शिक्षामित्रों को समायोजित भी किया गया था, लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दोबारा मानदेय पर रखा जाने लगा।

फिलहाल राज्य के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को हर महीने 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है। प्रदेश के शिक्षामित्रों को 11 महीने का मानदेय दिया जाता है और हर साल इनका कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू किया जाता है।दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोशिएसन के अध्यक्ष विश्वनाथ कुशवाहा, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शुक्लाआदि नेताओं ने महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुए शिक्षामित्रों से संघर्ष अभियान मजबूती से जारी रखने का आह्वान किया।


समान पद पर समान वेतन की मांग

आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में आयोजित महासम्मेलन में जिले हजारों की संख्या में शिक्षामित्र शामिल हुए। शिक्षामित्रों ने एकजुट संघर्ष अभियान को जारी रखने का संदेश दिया और सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने के साथ समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की।

सम्मेलन में जाने वाले शिक्षामित्रों का नेतृत्व विजय सिंह, संदीप ओझा और शिवकरन गुप्ता ने किया। भादर विकास खंड से महिलाओं का नेतृत्व  लालती देवी और प्रीति सिंह ने किया। जिला अध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा।

विश्राम गौतम ने कहा केन्द्र व सूबे की सरकार निजीकरण की नीति के चलते लाखों शिक्षा मित्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। लालती देवी ने कहा कि शिक्षामित्र पूरी मेहनत के साथ काम करके निपुण भारत मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।वेतन की बात तो दूर सरकार सम्मान जनक मानदेय भी नहीं देना चाहती।

स्कूल में हेडमास्टर लोग छोटे बच्चों की जिम्मेदारी शिक्षामित्रों के कंधे पर डाल देते हैं। संतोष कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया है। संदीप ओझा ने कहा कि अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। सरकार डंडे के बल पर हमारी आवाज नहीं दबा सकती,हम आखिरी दम तक लड़ेंगे। संजय वर्मा, गीता,अजय सिंह,राम अचल, सत्येन्द्र सिंह, सुनील कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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