बाप -बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले सौतेले पिता को मिली कठोर सजा
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सुलतानपुर/अमेठी। घर में सो रही मासूम किशोरी को ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के आरोपी सौतेले पिता रवि कुमार को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी करार दिया है। जिसे अदालत ने उम्र भर कठोर कारावास की सजा काटने एवं 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इसी अदालत ने दूसरे मामले में इंटर की छात्रा के अपहरण व दुष्कर्म के दोषी अजय कुमार को दस वर्ष के कठोर कारावास एवं 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि पहले मामले में कूरेभार थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी रवि कुमार के खिलाफ पांच सितम्बर 2021 की घटना बताते हुए स्थानीय थाने में पीड़िता किशोरी की माँ ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना की रात घर के सभी लोग भोजन करने के बाद सो गए थे,तभी रात में अचानक नशे में धुत करीब 53 वर्षीय सौतेला पिता रवि कुमार अपनी 12 वर्षीय बेटी को सोते समय चुपके से उठाकर लेकर चला गया और उसके प्रति अपने गंदे इरादों को व्यक्त करते हुए उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया।
पीड़िता की मां जब उसे खोजने निकली तो अपनी मां से मिलते ही मासूम किशोरी उससे लिपट कर रोते हुए अपने दर्द बयां करने लगी। जिसके बाद पीड़िता की मां ने इस घटना के संबंध में सौतेले पिता रवि कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मिली जानकारी के मुताबिक किशोरी की माँ की पहली शादी सुरेश कुमार नाम के व्यक्ति से हुई थी,जिससे ही पीड़िता पैदा हुई थी। घटना से करीब पांच वर्ष पहले अपने पूर्व पति सुरेश कुमार को छोड़कर पीड़िता को साथ लेकर उसकी मां आरोपी रवि कुमार के साथ चली आई थी I
रवि कुमार से ही शादी कर इसी के साथ रह रही थी, लेकिन अंदर ही अंदर रवि कुमार पूर्व पति सुरेश से जन्मी किशोरी को अपनी बेटी मानता ही नहीं था और उसके प्रति गलत नीयत रखता था,शायद उसी का नतीजा रहा कि उसने पांच सितंबर 2021 की रात को अपनी घिनौनी सोच के चलते नशे में धुत होकर वारदात को अंजाम दे ही डाला। इस मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने तफ्तीश पूरी कर आरोप-पत्र भी कोर्ट में दाखिल किया। प्रकरण का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला।
रिश्ते को तार-तार कर देने वाले इस घिनौने वारदात से जुड़े मामले में स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने भी विचारण में पूरी सक्रियता दिखाई,नतीजतन डेढ़ साल के भीतर ही मामले में फैसला आ गया। मामले के विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताने का पूरा प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चन्द्र सिंह ने आरोपी रवि कुमार के कृत्य को अत्यंत गम्भीर बताते हुए दोषी ठहरा कर कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की।
उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने ऐसे अपराधी को देश, समाज व परिवार के लिए घातक मानते हुए आरोपी सौतेले पिता रवि कुमार को मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा काटने एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
एक और बलात्कारी को मिली सजा
दूसरा मामला मुंशीगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी ने चार जनवरी 2015 की घटना बताते हुए स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन वह प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए अमेठी तहसील के लिए जा रही थी,तभी रास्ते में मुंशीगंज थाना क्षेत्र के रहने वाला आरोपी अमित व उसका साथी अजय कुमार निवासी वालेडीहा थाना हैदरगंज जनपद अयोध्या ने उसे रोक लिया और उसे बहाने से ले जाकर नशीला पदार्थ सुंघा दिया,जिसके चलते वह बेहोश हो गई।
जब पीड़िता होश में आई तो उसने स्वंय को एक बंद कमरे में पाया। आरोप के मुताबिक दोनो आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बरामद लड़की के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर अपनी तफ्तीश पूरी करके आरोपी अमित कुमार के खिलाफ किशोर न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया,वहीं अयोध्या जिले के रहने वाले आरोपी अजय कुमार के खिलाफ स्पेशल सेशन कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल हुआ।
स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में आरोपी अजय कुमार के खिलाफ चल रहे विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक विवेक सिंह ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी अजय को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की।
उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने मामले में अजय को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा काटने एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इन दिनों यौन अपराधियों के खिलाफ आ रहे ताबड़तोड़ फैसलों से उन्हें अपनी करनी की सजा मिल रही है,वहीं पीड़ित पक्षों को भी समय से न्याय मिल रहा है,जिससे लोगो का भरोसा कोर्ट के प्रति मजबूत हुआ है।