प्रशासन की सख्ती और किसानों की खेतों में की गयी घेरेबंदी पर भारी हैं आवारा पशु
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अमेठी। आवारा पशुओं की संख्या के सापेक्ष गोवंश आश्रय स्थलों की संरक्षण क्षमता कम होने के कारण सैकड़ों की संख्या में गोवंश सीवानों और बस्तियों में विचरण कर रहे हैं। जिले के सभी पशु आश्रय स्थल छुट्टा जानवरों से फुल हो गए हैं I जिले में पशु आश्रय स्थल 105 संचालित हैं और सात अभी निर्माणाधीन हैं I
रात्रि में विचरण कर रहे इन छुट्टा जानवरों से फसलों को बचाना मुश्किल हो गया है।टीकरमाफी के सब्जी किसान श्याम लाल मौर्य, चौकीदार राम मिलन यादव,रवीन्द्र प्रताप सिंह, राम समुझ पाल,राम बहादुर आदि ने बताया कि रात भर जगने के बाद भी फसल नहीं बच पा रही है।हम लोगो ने बीडीओ से शिकायत की थी,बीडीओ साहब हमारी समस्या का कोई हल नहीं निकाल पाए।
घोरहा के अम्बुज सिंह, गुड्डू सिंह, शैलेन्द्र सिंह, धर्मराज यादव आदि किसानों ने बताया कि रात मे पशु सीवानों से बस्तियों की तरफ चले आते हैं। साड़ों के आतंक से नींद हराम हो गई है।कमासिन के प्रधान त्रिभुवन यादव, किसान मनोज शुक्ल, हनुमान गिरि,मोहित कश्यप, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि रात मे कई बार चारपाई छोडकर सांड भगाना पडता है।खेतों में फसल बचाने के लिए की गई घेरेबंदी बेकार साबित हो रही है।