राम मनोहर लोहिया और समाजवाद विषय पर हुई परिचर्चा
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अमेठी। रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमेठी मे समाजशास्त्र विभाग द्वारा राम मनोहर लोहिया और समाजवाद विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की गई। अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय सिंह ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ऐसे समाज की कल्पना की जहां किसी तरह का भेद भाव नहीं होगा। वे जातिगत भेद भाव को समाप्त करने के लिए रोटी एवं बेटी का सिद्धांत दिया और कहा कि जाति व्यवस्था को समाप्त करने के लिए अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
लोहिया ने कहा कि समाजवाद गरीबी के समान बंटवारें का नाम नहीं बल्कि अमीरी के अधिकाधिक वितरण का नाम है। आज निजीकरण ने नई वर्ग व्यवस्था को जन्म दिया है जो भविष्य में आर्थिक असमानता की खाई को और गहरी बनाएगा।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पी के श्रीवास्तव ने कहा कि लोहिया ने कहा कि आदर्श समाज निर्माण के लिए सत्तातंत्र को चरित्रवान होना जरुरी है। लोकतंत्र को समाजवाद ही सशक्त बना सका है। डॉ सुधीर सिंह ने कहा कि लोहिया ने स्त्री-पुरुष, अमीरी-गरीबी और सामाजिक भेदभाव के लिए वे सिर्फ सरकारों को ही जिम्मेदार मानते थे। अजय कुमार सिंह ने कहा कि लोहिया ने कहा कि भारतीय भाषाओं के समृद्ध होने से देश में एकता मजबूत होगी। उनका दृष्टिकोण विश्वव्यापी था। उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधारने के लिए महासंघ बनाने का सुझाव दिया। डॉ दिनेश बहादुर सिंह ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने सप्त क्रांति के माध्यम से आदर्श समाज की कल्पना की। सभी के प्रति आभार श्वेता द्विवेदी ने व्यक्त किया, कार्यक्रम में डॉ कयूम खान, डॉ आशीष शुक्ला,मेराज खान आदि शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
समाजशास्त्र परिषद के पदाधिकारियों का चयन क्विज प्रतियोगिता द्वारा किया गया, जिसमें अध्यक्ष रेनू, उपाध्यक्ष मानसी, सचिव आसकीन , संयुक्त सचिव प्रियंका यादव तथा कोषाध्यक्ष प्रिया देवी बनाई गई। कार्यक्रम का संचालन छात्रा आसकीन ने किया।