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पंचायत राज विभाग ने नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए एक करोड़ से अधिक का कर दिया खेल

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अमेठी । विभागीय अधिकारियों की मनमानी व बंदरबांट की नीति के चलते पंचायत राज विभाग के जिम्मेदारों ने 1.06 करोड़ का खेल, खेल दिया।जांच में पता चला कि जिले के कई ब्लॉकों में तैनात एडीओ पंचायत ने शासकीय धन के आहरण व व्यय से जुड़े नियमो की धज्जियां उड़ाई है । रोक के बाद भी अपने अपने दफ्तरों को सजाने संवारने में व अन्य कार्यों में एक करोड़ से अधिक धनराशि खर्च कर दिए हैं।
डीएम के निर्देश हुई जांच टीम ने कई अफसरों को इसके लिए दोषी ठहराते हुए ऑडिट कराने की संस्तुति कर दी है।नियमों के अनुसार जिन कार्यों को करवाने के लिए किसी भी योजना अंतर्गत वित्तीय व्यवस्था नही की गई है उसके लिए चौदहवें वित्त आयोग के तहत प्रशासनिक मद के खाते संचालित किए जाने का प्राविधान है ।खाते का संचालन संयुक्त रूप से बीडीओ के साथ एडीओ पंचायत करते हैं। डीएम के निर्देश पर बीएसए संगीता सिंह व वित्त व लेखाधिकारी आशुतोष मिश्र की संयुक्त टीम ने जांच की तो मामले में बड़े पैमाने पर विभागीय खेल का खुलासा हुआ।जिले के सात ब्लॉकों तिलोई जगदीशपुर सिंहपुर संग्रामपुर गौरीगंज शाहगढ़ व शुक्ल बाजार में बिना अनुमति के प्रतिबंधित कार्यों पर खर्च होने की पुष्टि हुई।जांच टीम ने मामले में कई अधिकारियों की संलिप्तता मानते हुए रिपोर्ट देते हुए विशेष ऑडिट कराने की संस्तुति की है ।शासकीय धन के आहरण व व्यय में अफसरों की मनमानी की शिकायत अमेठी के पूरे प्रेम गांव निवासी अवधेश मिश्र बेलौरा ने गत दिनों डीएम राकेश कुमार मिश्र से की थी ।मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मच गया I बताते चलें कि जिन कार्यों को कराने के लिए किसी भी योजना में धन की व्यवस्था नहीं है। इस खाते में प्रत्येक वर्ष शासन की ओर से धनराशि अंतरित की जाती है। इस खाते का संचालन बीडीओ व एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाने का प्रावधान है। जिले में पिछले पांच-छह सालों में इस खाते से जुड़े नियमों व प्रावधानों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। कुछ दिन पूर्व हुई इस आशय की एक शिकायत की जांच में अफसरों की मनमानी की पुष्टि हुई है। जांच टीम ने यह पाया कि रोक के बावजूद कई अफसरों ने करीब 1.06 करोड़ रुपये से अधिक उड़ा डालेे। जांच अधिकारी की ओर से दाखिल रिपोर्ट में पूरे मामले की गहन जांच महालेखाकार प्रयागराज द्वारा कराने की संस्तुति की गई है।

खर्च का क्या प्रावधान है-
शासनादेश के प्रावधानों के अनुसार इस मद में आवंटित राशि सम्मान समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सजावट, उद्घाटन, निर्वाचित प्रतिनिधियों का शासकीय भत्ता, संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों के पुरस्कार, मनोरंजन, एसी व वाहन क्रय आदि पर खर्च नहीं की जा सकती। इस खाते का संचालन बीडीओ व एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाने का प्रावधान है।

गड़बड़ी करने वाले ब्लॉक 
जांच टीम ने जिन ब्लॉकों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी है, उनमें सात ब्लॉक (तिलोई, जगदीशपुर, सिंहपुर, संग्रामपुर, गौरीगंज, शाहगढ़ व शुकुल बाजार) शामिल हैं। इन ब्लॉकों में से तीन में अकेले एडीओ पंचायत (तिलोई, जगदीशुपर व शाहगढ़) तो चार में (सिंहपुर, संग्रामपुर, गौरीगंज व शुकुल बाजार) संयुक्त हस्ताक्षर से धन का आहरण कर प्रतिबंधित कार्यों पर व्यय किया I

 

कोर्ट के निर्देशों पर हुई जिलाधिकारी ने जांच दिए आदेश 

समाजसेवी अवधेश मिश्रा ने जिले भर सभी ब्लाकों में तकनीकी एवं प्रशासनिक मद के खाते से धनराशि की बर्बादी को लेकर चिंता जताया एवं सभी ब्लाकों के तकनीकी एवं प्रशासनिक मद के खाते के संचालन करते हुए शासकीय धन के दुर्पयोग करने की शिकायत जिला पर किया था। जांच नहीं होने पर हाईकोर्ट में एक रिट डाली थी । जिसकी सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने जिलाधिकारी को आदेश दिया कि प्रकरण की जांच कराकर निस्तारण करें I

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