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श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित की गयी बाल श्रम उन्मूलन एवं पुर्नवासन कार्यशाला

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अमेठी। सहायक श्रमायुक्त गोविन्द यादव ने अवगत कराया है कि बुधवार को जिले के कलेक्ट्रेट सभागार गौरीगंज में बाल श्रम उन्मूलन एवं पुर्नवासन के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाने हेतु विभिन्न स्टेक होल्डर्स की कार्यशाला श्रमायुक्त, उ0प्र0 शकुन्तला गौतम की उपस्थिति में आयोजित की गई तथा कार्यशाला में सरकारी विभागों की ओर शिक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग, प्रोबेशन विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, उद्योग विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग, ए0एच0टी0यू0, सी0डब्लू0सी0 के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होंने बताया कि गैर सरकारी संगठनों में श्रमिक यूनियन की ओर से हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स कर्मचारी संघ कोरवा अमेठी, महिला स्वैच्छिक संगठन संस्थान अमेठी सेवायोजक पक्ष की ओर से ईंट भठ्ठा एसोसियेशन जनपद अमेठी, उ0प्र0 उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल, हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड कोरवा अमेठी के सेवायोजक, ए0सी0सी0 टिकरिया सीमेन्ट फैक्ट्री के सेवायोजक कार्यशाला में उपस्थित रहे।

कार्यशाला का शुभारम्भ श्रमायुक्त, उ0प्र0 द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा श्रमायुक्त उ0प्र0 का स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम में सैय्यद रिजवान अली, स्टेट रिसोर्स कोआर्डिनेटर, यूनिसेफ (बाल श्रम अभियान) द्वारा पावर प्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि अधिनियम के अन्तर्गत 14 वर्ष तक के बच्चों का किसी भी कार्यस्थल पर नियोजन निषेध है तथा 14 से 18 आयु वर्ष के बच्चों का अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत खतरनाक व्यवसाय एवं प्रक्रियाओं में नियोजन निषेध है व बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रावधानों का उल्लंघन करके बाल एवं किशोर श्रमिक नियोजित करने पर रू0 20000/- से 50000/- जुर्माना तथा 06 माह से 02 वर्ष तक कैद की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ एवं विकास पर जोर देने के साथ ही बाल श्रम उन्मूलन में बाल श्रमिक बच्चों से सम्बन्धित हाटस्पाट के विषय में बताया गया।

जनपद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में श्रम विभाग द्वारा 61 निरीक्षण करके 78 बच्चों को चिन्हांकित किया गया है तथा बाल श्रम को रोकने के सम्बन्ध में निरन्तर अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में शकुन्तला गौतम श्रमायुक्त, उ0प्र0 द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि 05 वर्ष में उ0प्र0 को बाल श्रम मुक्त किया जाय, बच्चे देश का भविष्य हैं, बच्चों की शिक्षा स्वास्थ एवं विकास हेतु यह आवश्यक है कि उनको बाल श्रम से दूर रखा जाय। बाल श्रम एक सामाजिक एवं आर्थिक बुराई है, जिसे सरकारी विभागों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के सामूहिक प्रयास से ही दूर किया जा सकता है। श्रमायुक्त, उ0प्र0 द्वारा महिला एवं बाल कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों का प्रारम्भ से टैकिंग करने के सम्बन्ध में विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि छोटे बच्चों का प्रारम्भ से आंगनबाड़ी केन्द्र एवं उसके पश्चात् प्राथमिक शिक्षा अवधि से ही निरन्तर मानीटरिंग किया जाता रहे ताकि बच्चा बाल श्रम के कार्यों में संलग्न न हो। कामकाजी बच्चों के लिये बाल श्रमिक विद्या योजना संचालित की जा रही है, जिसमें 08 से 18 आयु वर्ष के कामकाजी बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर बालक को प्रतिमाह 1000/- रूपये तथा बालिका को प्रतिमाह 1200/- रूपये आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। श्रमायुक्त उ0प्र0 द्वारा बताया गया कि ईंट भठ्ठा एसोसियेशन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाय कि ईंट भठ्ठों पर कार्यरत श्रमिकों के बच्चों का नामांकन नजदीकी स्कूल में अवश्य हो। व्यापार मण्डलों के माध्यम से मार्केट में बाल श्रम निषेध सम्बन्धी निर्देश उनकी दुकान पर अंकित किया जाय तथा बाल श्रम एक सामाजिक अपराध है इसे रोकने के लिये व्यापार मण्डल आगे आये। श्रमायुक्त उ0प्र0 द्वारा पंचायतीराज विभाग के माध्यम से ग्राम स्तर से एवं नगरीय निकाय द्वारा वार्ड स्तर से बाल श्रम रोकने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया व अवमुक्त कराये गये बाल श्रमिकों का प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ विभाग द्वारा उसी दिन मेडिकल कराने तथा सी0डब्लू0सी0 की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया एवं अवमुक्त बाल श्रमिकों के शैक्षिक एवं आर्थिक पुर्नवासन हेतु अर्न्तविभागीय समन्वय पर जोर देते हुए बताय गया कि बाल श्रम एक संज्ञेय अपराध है। इस सम्बन्ध में अजीत प्रताप सिंह, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा थाने स्तर पर पीस कमेटियों के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन के सम्बन्ध में जागरूकता हेतु सुझाव दिया गया तथा अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि बाल श्रम उन्मूलन में पुलिस विभाग, ए0एच0टी0यू0 द्वारा प्रभावी ढ़ग से सहयोग किया जा रहा है साथ ही अनुराग मिश्र, उपश्रमायुक्त, अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या द्वारा बाल श्रम चिन्हांकन एवं पुर्नवासन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं के बारे में बताया गया।

सान्या छाबड़ा, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बाल श्रम उन्मूलन में ग्राम्य विकास विभाग एवं अन्य सभी विभागांे में समन्वय करके बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन के सम्बन्ध में कार्य किये जाने की बात का उल्लेख करते हुए मुख्य विकास अधिकारी द्वारा श्रमायुक्त, उ0प्र0 का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इसी क्रम में कार्यक्रम में बाल श्रमिक विद्या योजना के अन्तर्गत 03 लाभार्थियों व भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के 06 पंजीकृत श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं पुत्री विवाह योजना, मातृत्व शिशु, बालिका मदद योजना में हितलाभ वितरण किया गया। आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, बेसिक शिक्षा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका गौरीगंज, नगर पंचायत अमेठी, कार्याधिकारी जिला पंचायत, जिला कार्यक्रम अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, जिला पूर्ति अधिकारी, प्रधानाचार्या जी0आई0सी0 गौरीगंज, सी0डब्लू0सी0 अध्यक्ष अमेेठी, प्रभारी निरीक्षक ए0एच0टी0यू0 अमेठी, ईंट भठ्ठा एसोसियेशन के अध्यक्ष एवं महामंत्री उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल अमेठी के साथ-साथ सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया तथा अन्त में सहायक श्रमायुक्त अमेठी द्वारा कार्यशाला के सम्बन्ध में प्रतिभाग करने हेतु सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया गया।

 

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