छोड़ गए अपने, सहारा बनी चाइल्डलाइन
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लखनऊ I
आज सुबह अपना घर की अधिक्षिका सफलता सिंह ने चाइल्डलाइन निदेशक डॉ. संगीता शर्मा को सूचना दी कि एक नवजात शिशु को किसी अनजान व्यक्ति द्वारा मोतीनगर स्थित अपना घर सेल्टर होम के पास झोले में छोड़ दिया गया, नवजात शिशु की रोने की आवाज सुनकर वहाँ की स्थानीय महिलाएं इकठ्ठा हो गयी है । अधिक्षिका द्वारा उस नवजात की मदद करने हेतु कहा गया ।
इस का संज्ञान लेते हुए तत्काल चाइल्डलाइन सदस्य अनीता त्रिपाठी व ब्रिजेन्द्र शर्मा को मौके पर जाने हेतु आदेशित किया । सदस्यो ने मौके पर पहुँचकर शिशु को अपने संरक्षण में लिया , तत्पश्चात थाना नाका हिंडोला में जी.डी. दर्ज कराकर, उसके प्राथमिक उपचार हेतु वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में ले जाया गया ।वहाँ शिशु का स्वस्थ्य परीक्षण डॉक्टरों द्वारा किया गया । डॉक्टरों द्वारा बताया गया की अभी शिशु की स्थिति समान्य है ।
टीम सदस्यों द्वारा प्राथमिक उपचार के पश्चात शिशु को बाल कल्याण समिति लखनऊ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार शिशु को लीलावती मुंशी बालगृह एवं दत्तक गृह इकाई में आश्रय दिलाया I
बस अड्डा कर्मियों संग चाइल्ड लाइन फंसे बच्चों की करेंगे मदद
चाइल्डलाइन लखनऊ व आलमबाग बस टर्मिनल द्वारा आज दोस्ती सप्ताह के तीसरे दिन आलमबाग बस अड्डे के अधिकारियों , बस चालकों, बस परिचालकों व बस अड्डे पर उपस्थित यात्रियों के संग दोस्ती की ।केंद्र समन्वयक कृष्ण प्रताप शर्मा द्वारा सभी को दोस्ती सप्ताह अभियान के मुख्य उद्देश्य के बारे में बताया कि चाइल्डलाइन टोल फ्री नंबर 1098 का प्रचार-प्रसार करना व बच्चों के हितधारकों, समाज के सभी वर्गों तथा बच्चों से दोस्ती करना हैं, ताकि मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद की जा सकें, साथ ही जनपद में बाल मित्रवत वातावरण को और भी पोषित व पल्लवित किया जा सकें ।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आलमबाग बस अड्डा मतिन अहमद ने कहा कि जो बच्चे मुसीबत में फँसे है, उनकी हर संभव मदद बस अड्डे के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा की जाएगी ।
केंद्र समन्वयक विवेक शर्मा द्वारा चाइल्डलाइन 1098 के बारे में सभी को बताया गया और इस अभियान से जुड़कर बच्चों की मदद करने की अपील की गयी ।
सुनील कृष्ण त्रिपाठी, अभिषेक कुमार, सौरभ सिंह, बृजेश यादव ने सभी से अपील कि यदि कोई भी बच्चा स्टेशन परिसर या बस में अनाथ, परिवार से विछड़ा, दुखी या घायल अवस्था में दिखे , तो उसकी मदद के लिये 1098 डायल करें, जिससे उस बच्चे की तत्काल मदद की जा सकें ।
भालचन्द्र मिश्रा द्वारा बताया गया कि हमारे परिवाहन कर्मचारियों व बस चालाक/परिचालको द्वारा मुसीबत में फँसे बच्चे की मदद की जा रही है और आगे भी इसी प्रकार से मदद की जाएंगी ।