श्रीहनुमद्-आराधन मंडल ने धूम-धाम से मनाया ग्यारहवाँ वार्षिकोत्सव
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वृन्दावन,मथुरा ।अक्रूर धाम स्थित श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर में श्रीहनुमद्-आराधन मंडल का ग्यारहवाँ वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया।जिसमें प्रातः काल श्रीहनुमानजी महाराज का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन एवं संगीतमय सुंदरकांड का सामूहिक पाठ सम्पन्न हुआ।साथ ही श्रीराम नाम पर श्रीहनुमान जी की झांकी नृत्य नाटिका विशेष आकर्षण का केंद्र रही। जिसे सभी ने खूब सराहा।ज्ञात हो वृन्दावन का यह एक मात्र ऐसा संगठन है, जिसमें वृन्दावन के प्रख्यात संत-महंत, भागवत-मानस प्रवक्ता एवं रासाचार्य एक साथ बैठकर प्रति मंगलवार श्रीसुंदरकांड का पाठ किसी एक सदस्य के यहाँ करते हैं।
वार्षिकोत्सव में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलराम दास देवाचार्य महाराज व चतु: सम्प्रदायाचार्य श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि हमें यह जानकर अपार आनंद की अनुभूति हो रही है कि श्रीहनुमद्-आराधन मंडल ने अपने ग्यारह वर्ष यह वार्षिकोत्सव मनाते हुए पूर्ण कर लिए हैं।यह श्रीधाम वृन्दावन का एक ऐसा संगठन है,जो समाज में अनेकता में भी एकता का ध्वज लहराता है।हम इस मंडल की उत्तरोत्तर प्रगति की मंगल कामना करते हैं।
आचार्य पंडित रमेशचंद्र विधिशास्त्री व आचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज कलयुग के सच्चे देव हैं। मां जानकी के आशीर्वाद से वे सप्त चिरंजीवियों में सबसे उत्कृष्ट हैं।उनकी आराधना करने से मनुष्यों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
वार्षिकोत्सव में मंडल के संरक्षक अशोक शास्त्री,आर. एन. द्विवेदी ‘राजू भैया’, डॉ. केशवाचार्य,अनिरुद्धाचार्य, डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,भजन गायक वनवारी महाराज,आचार्य युगल किशोर कटारे, मारुति नंदन वागीश, यदुनंदनाचार्य,श्याम सुंदर ब्रजवासी,संगीताचार्य देवकीनंदन शर्मा,बिहारीलाल शास्त्री,आचार्य बुद्धिप्रकाश,अश्विनी मिश्र, स्वामी रामशरण शर्मा,अखिलेश गौड़, भगवत किशोर व्यास, भुवनेश्वर वशिष्ठ,विनय त्रिपाठी, संजय पंडित, मीरा शास्त्री, मीना शर्मा,जावा गोस्वामी, वसुधा चतुर्वेदी आदि के अलावा मंडल के सभी सदस्यों व विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति विशेष रही।
मंडल के अध्यक्ष अशोक व्यास रामायणी ने मंडल की गतिविधि पर प्रकाश डाला एवं कोषाध्यक्ष विपिन बापू ने सभी का आभार व्यक्त किया।सभा का संचालन डॉ. मनोज मोहन शास्त्री द्वारा किया गया।