कुष्ठ रोग का करे समय से इलाज मिलेगी रोग से मुक्ति- डीएलओ
1 min readअमेठी I जनपद में वर्तमान समय में 52 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है,जिसमे 8 पैसिव वैसीलरी और 44 मल्टी वैसीलरी मरीज है,जनपद में इस रोग से संबंधित दवाओं की प्रयाप्त वयवस्था है, इस रोग से ग्रसित व्यक्ति से किसी को भी कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। बल्कि लक्षण वाले व्यक्ति को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस संबंध में जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा राम प्रसाद ने बताया कि कुष्ठ रोग एक कीटाणु से होता है, जिसका नाम माइको बैक्टीरियम लेप्री है। इस बैक्टेरिया द्वारा रोगी की त्वचा पर स्पर्श करते हुए उन्हें संक्रमण का शिकार बना लिया जाता है। कुष्ठ की पहचान बिल्कुल आसानी से हो सकती है। कुष्ठ एक जीर्ण संक्रमण रोग है। इससे त्वचा, श्वसन तंत्र और आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।शरीर में सुन्नता, जलन, चुभन और दर्द का एहसास कम होना या बिलकुल न होना कुष्ठ रोग की पहचान है।
उन्होंने बताया कि त्वचा पर हल्के रंग के या तांबिया रंग के दाग-धब्बे जो कि सुन्नपन लिए हो, ठंडा-गरम महसूस नहीं होता हो, नसों में दर्द, हाथ-पैर व पलकों की कमजोरी, हाथ व पैरों पर घाव कुष्ठ रोग हो सकता है। बीमारी का समय से इलाज कुष्ठ रोग से मुक्ति व दिव्यांगता से बचा जा सकता है।
वर्तमान में जिले में 54 लोग कुष्ठ रोग से ग्रसित :
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एमडीटी. (मल्टी ड्रग थेरेपी) का उपयोग किया जाता है। एमडीटी का पूरी खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है।
भादर ब्लॉक निवासी असलम (काल्पनिक नाम)20 वर्षीय ने बताया कि मुझे कुष्ठ रोग हो गया था मैंने 2 अगस्त 21 से दवा का सेवन करना शुरू किया और 06 जून तक दवा का सेवन किया अब रोग से पूरी तरह से मुक्त हो गया हूं l मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि जिस किसी में भी कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हों वह सरकारी अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सकता है l
शाह गढ़ ब्लॉक निवासी रीता (काल्पनिक नाम) उम्र 35 वर्ष ने बताया कि इस रोग से पूरी तरह से दवा खाने से मुक्ति मिल जाती है।
मिलने वाली सुविधाएं
कैंची, कॉटन पट्टी, रुई, सेवलोन, विटाडीन लिक्विड,पेपर टेप,साबुन, एमसीआर चप्पल,