Shrimad Bhagvat Story : मानव जीवन को सार्थक बनाता है श्रीमद्भागवत महापुराण
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REPORT BY DR.GOPAL CHATURVEDI
VRINDAVAN NEWS।
पण्डित रामांश पाराशर के श्रीमुख से भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण की कथा श्रवण कर भाव विभोर हुए भक्त-श्रद्धालु
श्रीहित हरिवंश नगर स्थित वानप्रस्थ धाम फेस-1 में श्रीराधा माधव सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रहे अष्ट दिवसीय गुरुपूर्णिमा महोत्सव एवं श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन व्यास पीठाधीन पण्डित रामांश पाराशर महाराज ने देश-विदेश से आए समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को अपनी मधुर वाणी के द्वारा वामन अवतार, बलि प्रसंग, गंगा अवतरण, श्रीराम जन्म एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराई।
व्यासपीठ से पण्डित रामांश पाराशर महाराज ने कहा कि अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर जन्म लेकर न केवल पापियों, अत्याचारियों व दैत्यों का संघार किया बल्कि उन तमाम भक्तों, ऋषियों-मुनियों एवं साधु-संतों की वाणियों को साकार किया, जिन्होंने पूर्व जन्मों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में संलग्न होने का वरदान प्राप्त किया था।
उन्होंने भगवान के दिव्य स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में ब्रज में अवतार लेकर पूरब से लेकर पश्चिम तक धर्म की स्थापना के लिए समस्त राक्षसों का उद्धार कर सभी जीवों को सुख प्रदान किया।
श्रद्धेय रामांश पाराशर ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब अधर्म बढ़ता है और धर्म की हानि होने लगती है,तब-तब अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की रक्षा व पुनःस्थापना के लिए भगवान नारायण पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।इसीलिए वे तारणहार कहे जाते हैं।
इस अवसर पर भव्य नंदोत्सव आयोजित किया गया।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की दिव्य झांकी सजाई गई।इसके अलावा जन्म से संबंधित बधाईयों व भजनों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।जिसके अंतर्गत रुपए-पैसे, खेल-खिलौने, वस्त्र-आभूषण आदि लुटाए गए।
महोत्सव में वानप्रस्थ धाम के संस्थापक डॉ. चतुर नारायण पाराशर महाराज, पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, डॉ. अशोक शास्त्री, आचार्य सुरेशचंद्र शास्त्री, मुख्य यजमान श्रीमती किरण शुक्ला, डॉ. अमरेश चंद्र शुक्ला सुशील राजवंशी (बीकानेर), आचार्य पवन पाराशर आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
श्रीमद्भागवत महापुराण का वाचन, श्रवण एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी एवं कल्याणकारी है – डॉ. शिवम साधक महाराज
सुनरख रोड़-श्रीजी पुरम् स्थित श्रीगौरी शंकर धाम में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में एवं ब्रह्मलीन भक्ति सम्राट संत शिवानंद साधक महाराज (डेरा वाले बाबा) की पावन स्मृति में चल रहे अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यास पीठ से प्रख्यात भागवत प्रवक्ता डॉ. शिवम साधक महाराज ने अपनी सरस वाणी के द्वारा देश-विदेश से कथा श्रवणार्थ पधारे सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा सुनाते हुए कहा कि मनुष्यों के जब कई-कई जन्मों के पुण्यों का उदय होता है, तब ही उसे हरि कथा व सत्संग आदि श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा श्रवण करने से मनुष्यों के ऊपर आने वाली सभी विपदाओं का नाश हो जाता है। उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यासजी द्वारा रचित और शुकदेव भगवान के श्रीमुख से निकली श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा मानव जीवन को सार्थक बनाती है।इसका श्रवण मनुष्य के सभी प्रकार के अरिष्टों को दूर करता है।इसका वाचन, श्रवण एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी एवं कल्याणकारी है।इसमें समस्त धर्म ग्रंथों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।
महोत्सव में पधारे श्रीपीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं संत रामदास महाराज (अयोध्या) ने कहा कि श्रीगौरी शंकर धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन भक्ति सम्राट संत शिवानंद साधक महाराज (डेरा वाले बाबा) अत्यंत सहज, सरल, उदार व परोपकारी थे।उन्होंने गौ, संत, ब्रजवासी, निर्धन-निराश्रित एवं रोगी आदि की सेवा के लिए अनेकों सेवा प्रकल्प संचालित किए।
जिनका निर्वाह आज भी डॉ. शिवम साधक महाराज के निर्देशन में पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ किया जा रहा है।साथ ही वे श्रीमद्भागवत महापुराण, श्रीराम कथा और अन्य धर्मग्रंथों के माध्यम से विश्वभर में जो भारतीय वैदिक सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने का कार्य कर रहे हैं,वो अति प्रशंसनीय है। श्रीगौरी शंकर धाम के प्रबंधक विष्णुकांत शास्त्री ने सभी अतिथियों का उत्तरीय ओढ़ा कर और माल्यार्पण कर स्वागत किया।