सफलता के सोपान
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–डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सफल होना चाहता है।इसके लिए हमारे आगे कोई लक्ष्य होना चाहिए।ततपश्चात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूर्ण मनोयोग व परिश्रम से जुट जाना चाहिए। तभी हमें अपनी मनचाही मंजिल प्राप्त हो सकती है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने लिखा है कि “अपने मिशन में कामयाब होने के लिए अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होना पड़ता है।” वह यह भी कहा करते थे ” सपने वो नही होते, जो सोने पर आते हैं। सपने वो होते हैं जो हमें सोने नही देते।”
हमारे जीवन में समय का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। बीता समय कभी लौट कर नही आता है। अतः हम सभी को समय का सदुपयोग करना चाहिए। समय को सबसे बड़ा बलवान माना गया है। कहा भी गया है –
” पुरुष बली नहि होत है, समय होत बलवान।”
सन्त कबीर ने भी लिखा है-
” काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयगी,बहुरि करैगौ कब।।”
जो व्यक्ति समय का सदुपयोग नही करता है उसका जीवन नष्ट हो जाता है। समय अपनी गति से आगे बढ़ता जाता है, वो किसी के लिए रुकता नही है। उसे रोकने की शक्ति भी किसी में नही है। वस्तुतः समयानुसार आवश्यक तथा उचित कार्यों को सम्पन्न करना ही समय का सदुपयोग है। विद्यार्थी जीवन अपने भावी जीवन की तैयारी करने का होता है। जो व्यक्ति इस काल का सदुपयोग न करके अन्य कार्यों में व्यस्त रहता है वह अपने व्यस्त जीवन में असफल हो जाता है। जीवन के विकास में उन्नति की कुंजी समय का सदुपयोग ही है।समय का सदुपयोग न करने से मन चंचल हो जाता है और ऐसा व्यक्ति कोई भी कार्य भलीभाँति सम्पन्न करने में असमर्थ हो जाता है। उससे सफलता दूर भागती है। उसमें कार्य क्षमता की भावना का भी अभाव हो जाता है।वह न ज्ञानार्जन कर पाता है और न ही धनार्जन।उसका जीवन अभावमय हो जाता है। अतः हम सभी को चाहिए कि हम अपने समय का सदुपयोग करके अपने जीवन को सही मार्ग पर ले चलें और अपने भावी जीवन सुखमय बनाएं।
प्रतिस्पर्धा के इस युग में वही व्यक्ति सफल हो पाता है जिसे उस क्षेत्र विशेष की आधारभूत जानकारी हो,जिसमें कि वह पारंगत होना चाहता है। अतः हम जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, हमें उस क्षेत्र की प्रत्येक छोटी-बड़ी चीज को कुशलता के साथ सीखना चाहिए। हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता हेतु उसके अनुरूप स्वयं में योग्यता उत्पन्न करना परम् आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कॅरिअर में अनेकानेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए हमें अपने आत्म चिंतन एवं कार्य शैली के पुनरीक्षण की आवश्यकता होती है। अतः हमें अनुभवी व्यक्तियों की सलाह लेकर अपनी शंकाओं का समाधान करना चाहिए। तभी हम कार्य विशेष में निपूर्ण हो पाएंगे। हमें किसी भी परिस्थिति में अपना धैर्य नही छोड़ना चाहिए।
हमें अपनी रुचि व क्षमता के अनुरूप प्रत्येक कार्य को सम्पन्न करने के लिए सकारात्मक ढंग से पूरी शिद्दत के साथ कार्य करना चाहिए। तभी हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकते हैं। हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि निराशा से जीवन के बहुमूल्य तत्व नष्ट हो जाते हैं। हम सभी के जीवन में जीत व हार तो लगी ही रहती है।कोई जीतता है, तो कोई हारता है। अतः हमें खेल भावना, ईमानदारी व सकारात्मकता के साथ अपने उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु अपना कार्य करते रहना चाहिए।
सफलता कोई जादू की छड़ी नही है, जो हमारे सामने किसी चांदी के थाल पर रख कर परोस दी जाए। सफलता का कोई शॉर्टकट भी नही है। उसके लिए समय देना पड़ता है और पसीना बहाना पड़ता है। हमारी हर तरह की कोशिशों के जोड़ ही हमारी सफलता है। हर दिन की कोशिशों के साथ ही हम खुद को बदलते हुए देख पाते हैं। उद्यमी रॉबर्ट कोलियर का कहना है – ” सफलता उन छोटे-छोटे प्रयासों का जोड़ है, जो हम हर रोज कर रहे होते हैं।”
हार का डर हमें अपने जीवन में कुछ बड़ा कर देने से रोक देता है। इसी डर के कारण हम चुनोतियों से बचने का कोई न कोई बहाना ढूंढ लेते हैं। हमें अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए हमारी दृढ़ता की मुख्य भूमिका होती है। जब हम पूरी तरह अपना दिल और दिमाग किसी काम में लगा लेते हैं, तब हमें कोई नहीं रोक सकता है। यदि हम में सफलता का दृढ़ इरादा हो तो कोई भी हार हम पर हावी नही हो सकती है।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का कहना था – ” बेहतर होगा कि आप कोशिश करें और नाकामयाब हो जाएं और उससे कुछ सीखें, बजाय इसके कि आप कुछ करें ही नहीं।”
निराश होकर हथियार डाल देने से अधिक यह अच्छा है कि हम अपने प्रयत्न को चिरस्थायी बनाये रखें और कोशिश करना न छोड़ें। सफलता एक दिन हमें अवश्य मिलकर रहेगी। स्वामी रामतीर्थ कहा करते थे, ” संसार रूपी वाटिका में फूल ही फूल हैं। हमारा भ्रम ही एक कांटा है।”
(लेखक वरिष्ठ साहित्यकार,पत्रकार व मोटिवेशन स्पीकर )