कादूनाला वन्य क्षेत्र (मृग विहार) से वीर भाले सुल्तानी शौर्य वन स्थली का सफरनामा
1 min readविजय कुमार यादव
कभी गांधी -नेहरू परिवार की कर्मभूमि के लिए विश्व प्रसिद्ध अमेठी संसदीय क्षेत्र में 80 के दशक में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए तत्कालीन सांसद संजय गांधी व राजीव गांधी ने बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कर विश्व पटल पहचान दिलाई दी I संजय गांधी के असामयिक निधन के बाद उनके सपनों को पंख लगाने के लिए उनके अग्रज स्वर्गीय राजीव गांधी को क्षेत्र की जनता ने अमेठी की इबारत व किस्मत गढ़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी। राजीव गांधी अमेठी संसदीय क्षेत्र के विकास का खाका तैयार कर उसे मूर्त रुप देना शुरू किया। इसी कड़ी में क्षेत्र के प्रतिष्ठित व प्रथम स्वाधीनता आंदोलन 1858 के गवाह स्थल कादूनाला वन्य क्षेत्र को पर्यटन व व्यवसायिक दृष्टि से सैकड़ों एकड़ भूभाग में फैले वन्य क्षेत्र को मृग बिहार के रूप विकसित करने के उद्देश्य से जुलाई 1982 में कादूनाला मृग बिहार की आधारशिला रखते हुए करोड़ों की सौगात दी थी। जिस पर तेज गति से उनके प्रधानमंत्रित्व काल में अनेक कार्य करने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर दुर्लभ पेड़ पौधे लगवाए गए। किंतु 1991 में तत्कालीन सांसद व देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद अमेठी के साथ ही कादूनाला मृग बिहार के भी बुरे दिन शुरू हो गए थे। हालांकि 1991, 1996,1999, 2004, 2009, व 2014 के लोक सभा के आम चुनावों में कांग्रेस का कब्जा रहा I किंतु कैप्टन सतीश शर्मा सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने कभी उस ओर मुड़कर भी देखना मुनासिब नहीं समझा। शायद ही कभी उनकी नजरे मृग बिहार की तरफ इनायत हुई हो ।
2017 में प्रदेश की सत्ता पर भारी बहुमत से सरकार बनाने में सफल रही भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार से लोगो को एक बार फिर से कादूनाला वन्य क्षेत्र को लेकर उम्मीद जगी ।
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की कद्दावर नेत्री व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी को उनके ही गढ़ में पटखनी देकर सियासत में नई इबारत लिखने की शुरुआत की ।सियासत में माहिर स्मृति ईरानी ने अमेठी लोक सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए स्थानीय जनता की जरूरतों को बखूबी समझते हुए लगातार फैसले लेने शुरू कर दिया। इसी क्रम में स्मृति ईरानी ने स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में अपनी गौरव गाथा को संजोए लगभग अपने अस्तित्व को लेकर जूझ रहे कादूनाला वन्य क्षेत्र को एक बार फिर से नए सिरे से विकसित करने का बीड़ा उठाया।वन विभाग द्वारा एक बार पुनः वन्य क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से सजाने संवारने के लिए कसरत शुरू की गई।उनके अथक प्रयासों के चलते कादूनाला वन्य क्षेत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे योजना अंतर्गत लखनऊ वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित करीब 40 हेक्टेयर क्षेत्र में 133.40 लाख की लागत से कादूनाला वेटलैंड संरक्षण एवं इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है I जहां पर पर्यटकों को आकर्षित करने करने के लिए वन्य प्राणियों पक्षियों वनस्पतियों एवं प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने की व्यवस्था की गई ।
कादूनाला वेटलैंड संरक्षण एवं इको पर्यटन स्थल में इंटरप्रिटेशन सेंटर नेचर ट्रेल एवं फूट ओवर ब्रिज चिल्ड्रन पार्क वॉच टावर सेल्फी प्वाइंट कादूनाला के किनारे एक पक्का घाट चार तालाब साइकिल पथ जन सुविधाओ एवम् पर्यटकों के लिए महिला व पुरुष वाशरूम के साथ ही पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। वही पर्यटन स्थल में पर्यटकों के लिए नौका विहार की भी व्यवस्था प्रस्तावित है। गत 27 अगस्त को अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंची स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी ने प्रदेश सरकार के वन पर्यावरण जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री केपी मलिक राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार वन पर्यावरण जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन अरुण कुमार सक्सेना संसदीय कार्य चिकित्सा शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह की मौजूदगी में पर्यटकों के लिए खोलकर उद्घाटन किया ।कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों की मांग पर उन्होंने स्थल का नाम वीर भाले सुल्तान शौर्य स्थली करने की मांग की ।जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया ।जिस पर शासन से स्वीकृति के बाद कादूनाला वन्य क्षेत्र का नाम वीर भाले सुल्तान शौर्य स्थली कर दिया गया है।इसी स्थल पर 30 सितंबर को पुनः दौरा लगा है I अब देखना है कि इस शौर्य स्थली पर क्या नया गुल खिलेगा। फिलहाल इस स्थल के साथ ही वन्य क्षेत्र को विकसित कर क्षेत्रीय लोगों के लिए विकास की एक बड़ी सौगात है।