क्यों मनाते हैं 19 दिसंबर को गोवा में स्वतंत्रता दिवस
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सुमन मोहिनी (लेखिका)
नई दिल्ली।
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन भारत में एक राज्य ऐसा भी था जो 15 अगस्त 1947 को आजाद नहीं हुआ था, वह राज्य था गोवा | भारत की आजादी के बाद भी गोवा पर पुर्तगालियों का राज था | बताया जाता है कि साल 1510 में अल्फ़ान्सो- द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों नें गोवा पर हमला बोला था तभी से गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में आ गया था और उनका कब्ज़ा लगभग 450 साल तक रहा | भारत सरकार ने कई बार गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा क्योंकि पुर्तगालियों ने गोवा छोड़ने के लिए मना कर दिया था | दरअसल गोवा मसाला व्यापार के लिए महत्वपूर्ण स्थान माना जाता था और पुर्तगालियों को इससे बहुत मुनाफा होता था इसलिए वह गोवा को छोड़ना नहीं चाहते थे | गोवा को आजाद कराने के लिए भारत सरकार के प्रयास लगातार चल रहे थे लेकिन सभी प्रयास असफल हो रहे थे | अंत में भारत सरकार ने गोवा को आजाद कराने के लिए हवाई हमले की तैयार की और थल सेना को भी लड़ाई के लिए तैयार किया | भारत सरकार यह प्रयास आखिर सफल रहा और 19 दिसंबर 1961 में गोवा पुर्तगालियों से आजाद हो गया | बस तभी से गोवा का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि 19 दिसंबर को मनाया जाता है | गोवा, दमन व दीव मिलाकर भारत का केंद्र शासित राज्य बना। 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य के रूप में मान्यता मिली। गोवा सिर्फ 03 जिलों से मिलकर बना हुआ है। गोवा का मुख्य व्यवसाय पर्यटन है I गोवा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में भी बेगापटर समुद्र तट ,अंजुना समुद्री तट ,सिंकवेरिएम समुद्र तट, कैलंयुत समुद्र तट जिसे समुद्र तटों की रानी भी कहा जाता है शामिल हैं I कसीनो पाम , के साथ सेंट फ्रांसिस जेवियर व क्रिसमस पर्व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है I