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चौथेपन पायउँ सुत चारी——–

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अमेठी। गौरीगंज विकास खंड क्षेत्र के मऊ गांव में विधायक राकेश प्रताप सिंह के आवास पर चल रही श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस कथा वाचक स्वामी प्रणव पुरी महाराज ने वन यज्ञ की रक्षा के लिए राक्षसों का संघार जनकपुर धनुष यज्ञ प्रसंग का बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि उन दिनों ऋषि-मुनियों को बड़ा सन्ताप था, यज्ञ विध्वंस करने के लिए राक्षस बहुत सक्रिय थे। यज्ञ की रक्षा के लिए विश्वामित्र श्री राम को मांगने के लिए महाराज दशरथ के पास अयोध्या जा पहुंचे। महाराज दशरथ ने विश्वामित्र जी का बहुत सत्कार किया इसके बाद आगमन का कारण पूछा।मुनि ने कहा
अनुज समेत देहु रघुनाथा। निसिचर बध मैं होब सनाथा॥ हे राजन्‌! राक्षसों के समूह मुझे बहुत सताते हैं, इसीलिए मैं तुमसे कुछ माँगने आया हूँ। छोटे भाई सहित श्री रघुनाथजी को मुझे दो। राक्षसों के मारेजाने पर मैं सनाथ सुरक्षित हो जाऊँगा।सुनि राजा अति अप्रिय बानी। हृदय कंप मुख दुति कुमुलानी।।
चौथेंपन पायउँ सुत चारी। बिप्र बचन नहिं कहेहु बिचारी॥
इस अत्यन्त अप्रिय वाणी को सुनकर राजा का हृदय काँप उठा और उनके मुख की कांति फीकी पड़ गई। कहा हे ब्राह्मण! मैंने चौथेपन में चार पुत्र पाए हैं,आपने विचार कर बात नहीं कही।मागहु भूमि धेनु धन कोसा। सर्बस देउँ आजु सहरोसा॥
देह प्रान तें प्रिय कछु नाहीं। सोउ मुनि देउँ निमिष एक माहीं।।
हे मुनि! आप पृथ्वी, गो, धन और खजाना माँग लीजिए, मैं आज बड़े हर्ष के साथ अपना सर्वस्व दे दूँगा। देह और प्राण से अधिक प्यारा कुछ भी नहीं होता, मैं उसे भी एक पल में दे दूँगा॥सब सुत प्रिय मोहि प्रान की नाईं। राम देत नहिं बनइ गोसाईं॥
कहँ निसिचर अति घोर कठोरा। कहँ सुंदर सुत परम किसोरा॥ चौथे पन में पुत्र होने के कारण महाराज दशरथ को भगवान राम को राक्षसों से युद्ध करने के लिए बन में भेजना बड़ा असहज लग रहा था। उन्होंने बहुत कुछ कहा भी लेकिन महर्षि बशिष्ठ जी के समझाने पर श्री राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए विश्वामित्र जी के साथ भेज दिया। वन में पहुंचकर भगवान ने अपने अनुज के साथ ताड़का सुबाहु आदि राक्षसों का वध किया। ऋषि मुनि सब निर्भय होकर यज्ञ हवन पूजन करने लगे। इधर जनकपुर में धनुष यज्ञ की तैयारी का प्रसंग भी उन्होंने बहुत ही मार्मिक ढंग से विस्तार पूर्वक बताया।पुष्प वाटिका में लक्ष्मण महाराज के साथ भगवान फूल लेने गए हैं उधर अपने साथियों के साथ जानकी जी गौरी पूजन को आई है।यह वृत्तांत सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा में मुख्य रूप से विधायक गोसाईगंज अभय सिंह पूर्व कोऑपरेटिव अध्यक्ष सुल्तानपुर धर्मेंद्र सिंह बबलू अध्यक्ष प्रधान संघ अमेठी विनय तिवारी मांधारा सिंह जगदीशपुर लल्लन मिश्रा रिंकू तिवारी जिला पंचायत सदस्य दिलीप सिंह गढामाफी अजय सिंह गौरा अभय सिंह प्रधान मटियारी कला माता प्रसाद वैश्य शंभू यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमेठी केदारनाथ अग्रवाल सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे। कथा में मुख्य रूप से अभय सिंह विधायक गोसाईगंज अयोध्या धर्मेंद्र सिंह बबलू पूर्व अध्यक्ष कोऑपरेटिव बैंक सुल्तानपुर रिंकू तिवारी सदस्य जिला पंचायत वीरेंद्र तिवारी जिला अध्यक्ष प्रधान संघ अमेठी मांधाता सिंह जगदीशपुर दिलीप सिंह गढामाफी अभय सिंह प्रधान मटियारी कला शंभू यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदारनाथ अग्रवाल गौरीगंज लल्लन मिश्रा अजय सिंह गौरा सहित हजारों प्रेमी उपस्थित रहे।

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