हमारी असली पहचान अपनी हिंदी का महत्व
1 min readसुमन मोहिनी-
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई | उस दिन को याद करने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है । यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है । जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का भी एक तरीका है।
यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है ।और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरक़रार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है।
माना कि अंग्रेजी एक विश्वव्यापी भाषा है और इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है वहीँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए | हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस को मनाये जाने का एक यह भी कारण है कि इसके द्वारा भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देते हैं | स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है |
स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन समिति द्वारा अनेकों प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं एवं हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी दिए जाते हैं। हालांकि अंग्रेजी के प्रति अभी भी भारतवासियों का झुकाव है और इसके महत्व पर स्कूलों और अन्य स्थानों पर जोर दिया जाता है परन्तु
हिंदी हमारे देश की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में मजबूत है। 2001 में आयोजित जनगणना में 422 लाख से अधिक लोगों ने अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी का उल्लेख किया। देश में किसी भी अन्य भाषा का कुल आबादी का 10% से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। हिंदी बोलने वाली अधिकांश आबादी उत्तर भारत में केंद्रित है।
हिंदी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और झारखंड सहित कई भारतीय राज्यों की आधिकारिक भाषा है। बिहार देश का पहला राज्य था जिसने अपनी एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। बंगाली, तेलुगु और मराठी देश की अन्य व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा हैं।
हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका आदर करना चाहिए इसके मूल्य को समझना चाहिए