भाद्र मास की पूर्णिमा तिथि से प्रारम्भ होता है पितृ पक्ष
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REPORT BY AMIT CHAWLA
LUCKNOW NEWS।
त्रिकाल ज्योतिष केंद्र के शाह गुरु जी ने बताया कि पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाती है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है।
इस दौरान साधकों द्वारा तर्पण पिंडदान व श्राद्ध कर्म इत्यादि किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष की अवधि में पितर धरती लोक पर आकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं। इस साल 29 सितंबर 2023 से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी और 14 अक्टूबर 2023 को यह समाप्त हो जाएगा ।
अधिक मास का वर्ष होने के कारण इस साल पितृ पक्ष 15 दिन की देरी से शुरू होने वाले हैं. पितृ पक्ष के 15 दिनों के दौरान सभी अपने पितरों के मृत्यु की तिथि के दिन श्राद्ध करते हैं. इस बार अश्विन मास की अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।
अगर किसी जातक को अपने पितर के देहावसान की तिथि याद न हो तो वे अश्विन मास के अमावस्या के दिन अपने पितरों का श्राद्ध क्रम कर सकते हैं. इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाते हैं।
पितृ पक्ष 2023: श्राद्ध की जरूरी तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
प्रतिपदा और द्वितीया – 30 सितंबर 2023
द्वितीया श्राद्ध – 1 अक्टूबर 2023
तृतीया श्राद्ध – 2 अक्टूबर 2023
चतुर्थी श्राद्ध – 3 अक्टूबर 2023
पंचमी श्राद्ध – 4 अक्टूबर 2023
षष्ठी श्राद्ध – 5 अक्टूबर 2023
सप्तमी श्राद्ध – 6 अक्टूबर 2023
अष्टमी श्राद्ध- 7 अक्टूबर 2023
नवमी श्राद्ध – 8 अक्टूबर 2023
दशमी श्राद्ध – 9 अक्टूबर 2023
एकादशी श्राद्ध – 10 अक्टूबर 2023
द्वादशी श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
त्रयोदशी श्राद्ध – 12 अक्टूबर 2023
चतुर्दशी श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
अमावस्या श्राद्ध- 14 अक्टूबर 2023