खलिहान की भूमि पर प्रधान ने बनाया निजी स्कूल
1 min readअमेठी।
मोहन गंज थानाक्षेत्र के अहुरी ग्राम प्रधान पर ग्राम पंचायत की सुरक्षित खलिहान श्रेणी की भूमि पर अवैध कब्जा कर निजी विद्यालय बनाने का आरोप ग्रामीणों ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है।ग्राम पंचायत के आठ निर्वाचित सदस्यों सहित दर्जन भर से अधिक ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी जमीन के कब्जे की शिकायत सपथपत्र के साथ जिलाधिकारी से की है।
ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी को भेजी गई शिकायत के मुताबिक ग्राम प्रधान बीर भान सिंह ने अपने पद का दुर्पयोग करते हुए ग्राम पंचायत की खलिहान की सुरक्षित भूमि जो ग्राम पंचायत के राजस्व अभिलेखों में खलिहान श्रेणी में गाटा संख्या 244/0.101व गाटा संख्या 245/0.114 हेक्टेयर दर्ज है उसी भूमि पर अपने पद व रसूख के दम पर ग्राम प्रधान ने बीरा बाल शिक्षा निकेतन नाम से निजी विद्यालय का निर्माण कर लिया है और विद्यालय संचालित कर रहे हैं।यही नहीं शातिर दिमाग प्रधान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी गुमराह करते हुए विद्यालय का निर्माण गाटा संख्या 612 में दिखाते हुए विद्यालय की मान्यता भी ले ली है।जिलाधिकारी को सपथपत्र के साथ ग्रामीणों द्वारा भेजी गई शिकायत की जांच तहसीलदार तिलोई को सौंपी थी जिसकी जांच तहसीलदार तिलोई द्वारा की गई है और शिकायत कर्ताओं के सारे आरोप सही पाए गए हैं।तहसीलदार की जांच में मामला सही पाए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से शिकायत कर्ता मायूस है।तहसीलदार का कहना है कि अवैध कब्जेदार के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है लेकिन अभी तक तहसीलदार द्वारा की गई कार्यवाही धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकी है।जिलाधिकारी को सपथ पत्र के साथ शिकायत करने वालों में ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्य श्याम बहादुर सिंह,सोहनलाल,नसीम खां,गुलाम मोहम्मद,प्रेमा देवी,सहिरुल आदि शिकायत कर्ताओं में शामिल हैं।
मामले पर तहसीलदार तिलोई पवन कुमार शर्मा से ग्राम प्रधान अहुरी द्वारा ग्राम पंचायत की सुरक्षित जमीन खलिहान की भूमि में विद्यालय बनाकर कब्जा करने के मामले पर बात की गई तो तहसीलदार ने बताया कि ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा की गई शिकायत की जांच मेरे द्वारा की गई है।जांच में शिकायत सही पाई गई है।अवैध कब्जेदार प्रधान के विरुद्ध बेदखली की कार्यवाही की जा रही है।और शिक्षा विभाग को गुमराह कर मान्यता लिए जाने के मामले में मान्यता रद्द करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा गया है।