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ऐ देश करूँ तेरा वन्दन, तेरा पूजन तेरा अर्चन_____

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विशेष— मेरी माटी मेरा देश एवं कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जयंती समारोह

लखनऊ I

राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के तत्वावधान में मेरी माटी मेरा देश एवं कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जयंती समारोह सचिवालय परिसर स्थित मुख्य भवन के कक्ष सं0-119 ब में किया गया । मुख्य अतिथि डॉ० मंजू सिंह, विशेष कार्याधिकारी एवं राज्य सम्पर्क अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, उ०प्र० शासन रहीं तथा अध्यक्षता संस्थान की उपाध्यक्ष/अपरिहार्य की संपादक डॉ० शोभा दीक्षित भावना ने की।

कार्यक्रम का सफल संयोजन  पूर्णिमा बेदार श्रीवास्तव एवं डॉ रामराज भारती ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० हरी प्रकाश ‘हरि’ द्वारा किया गया। रामराज भारती की वाणी वन्दना से प्रारम्भ गोष्ठी में देश भक्ति की कवितायें पढ़ी गई और कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर उपस्थित साहित्यकारों द्वारा प्रकाश डाला गया।

काव्यांश/विचार इस प्रकार हैं——

सभाध्यक्ष डॉ० शोभा दीक्षित भावना – “ऐ देश करूँ तेरा वन्दन, तेरा पूजन तेरा अर्चन ।”

मुख्य अतिथि डॉ० मंजू सिंह – संस्थान की सराहना करती हूँ, ईश्वर को धन्यवाद कि उन्होंने यहाँ आने के लिए चुना, यहाँ बैठे सभी लोग वक्त बदलने के लिए बैठे हैं।

विशिष्ट अतिथि मुकेश कुमार मिश्र “जिसका जैसा आचरण, वैसा ही सम्मान, अनायास ऊपर नहीं, घर में रोशनदान।”

राजश्री – “बारिश की रिमझिम फुहार, क्या कहती है सुन।”

अभिषेक पाण्डेय – “हे मानव अब चेत तू, अपनी आँखें खोल ।”

सुरेन्द्र शर्मा “देश की खातिर जिसने अपने अरमानों का परित्याग किया।”

श्रवण कुमार – “जिसका जीवन इस दुनिया की खातिर है संदेश,हमको सबसे प्यारा है, मेरी माटी मेरा देश ।”

लोकेश त्रिपाठी- मेरी माटी का हर सैनिक भारत का भाग्य विधाता है।

लीलाधर नायक “चमक-दमक से निखर रहा है भारत ।”

सुरेश चन्द्र पाण्डेय “अपने देश की आन बान हे वीरों तुम्हें बचाना है।”

विपुल मिश्र – “नहीं भावनाओं को पहुँचे, यहाँ किसी को ठेस, मेरी माटी मेरा देश।”

हरी प्रकाश हरि – देंगे खून, नहीं देंगे हरि कभी देश की माटी ।”

इन्द्रासन सिंह इन्दु ” देश हुआ आजाद हमारा, शॉन हमारी बना तिरंगा।”

रामराज भारती “साधकों की प्रभु है पुकार सुन लीजिए।”

चन्द्रदेव दीक्षित – देश हित करते निछावर प्राण हैं, वे हमारी जिन्दगी हैं. जान हैं।

श्रीमती पूर्णिमा बेदार श्रीवास्तव – देव तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं, सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग के लाते हैं।

डॉ० रश्मिशील आन-बान-शान का प्रतीक मेरा राष्ट्रध्वज, इसका हृदय से सम्मान सब कीजिए।

पूर्णिमा बेदार ने मुख्य अतिथि के बारे में बताया कि वे मूलतः मुम्बई की निवासी हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कॉमर्स विभाग की एच०ओ०डी० हैं। वर्तमान में आप उ०प्र० शासन के उच्च शिक्षा विभाग में राज्य संपर्क अधिकारी तथा लाइज़निंग अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

युवाओं एवं महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही हैं, प्रारम्भ से ही एन०सी०सी० तथा एन०एस०एस० में रुचि रही है इनकी। इलाहाबाद विश्व विद्यालय से आपको सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का अवार्ड मिला है। कुंभ मेले में 3000 वालेन्टियर्स का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपराष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

आर्य गौरव साहित्य संगम तथा महिला मिशन शक्ति आदि सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त ड्रग एडिक्ट मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं ये पूर्णिमा ने कहा कि उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में प्राप्त कर के संस्थान अभिभूत है।

अन्त में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं डॉ० शोभा दीक्षित भावना के वक्तव्य के पश्चात गोष्ठी का समापन हुआ। तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजक  पूर्णिमा बेदार श्रीवास्तव ने सभी को दिया I उक्त जानकारी डॉ० सीमा गुप्ता महामंत्री उ. प्र. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, सचिवालय, लखनऊ ने दिया है I

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