KHAS KHABAR ___ आकाश हत्याकांड का मुख्य आरोपी कानूनी कार्रवाई के दायरे से बाहर , पुलिस वाहवाही में मस्त
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लखनऊ: पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के गोमती नगर थाने के अंतर्गत बड़ी जुगौली मोहल्ले में बीते 17 जून को संजय गांधी पुरम के रहने वाले 12 वीं के छात्र आकाश कश्यप की हत्या हो गई थी।
इस मामले में गोमती नगर थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट: 0367,धारा 302,504,506 , दिनांक :18/06/2023 थाना :गोमती नगर में पंजीकृत हुई थी जिसमें लखीमपुर जिले के निवासी अभय प्रताप सिंह और देवांश सिंह उर्फ मनमोहन सिंह को आरोपी बनाया गया ,बाद में इनके साथ – साथ अभय प्रताप सिंह के भाई मयंक प्रताप सिंह की भी इसी मामले में गिरफ्तारी हुई।
पुलिस ने अपने कथित खुलासे में बताया कि बड़ी जुगौली में किराए पर रहने वाले अविनाश तिवारी के कमरे पर पार्टी थी , जिसमें ऋषभ को अभय का फोन आया और उनमें रु.1000 को लौटाने के लिए विवाद होने लगा। इसी बीच आकाश ने ऋषभ से फोन लेकर अभय से बात करने लगा। पुलिस ने बताया कि आकाश ने अभय को गाली दिया जिस पर कुपित होकर उसने लखनऊ आकर ऋषभ और आकाश को मारने की धमकी दिया।
पुलिस के मुताबिक अभय ने लखीमपुर से लखनऊ आकर आकाश को चाकू से 17 बार हमला किया। इसके बाद आकाश के दोस्त इसे इलाज के लिए डा. लोहिया अस्पताल और फिर केजीएमयू ले गए। पुलिस ने यह स्वयं माना है कि पैसे को लेकर विवाद अभय और ऋषभ में था, आकाश ने केवल बीच बचाव किया था। पुलिस ने यह कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट आकाश के पिता जगदीश कश्यप के प्रार्थनापत्र के बयान के आधार पर दर्ज किया है।
यह स्वाभाविक सवाल है कि यदि मृतक आकाश कश्यप के पिता के बयान के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है तब जय जयसवाल अभी तक क्यों छुट्टा घूम रहे है ? जय के अलावा ऋषभ , अविनाश आदि को पूछताछ की कठोर प्रक्रिया से क्यों नहीं गुजारा गया ? यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि उक्त पार्टी में आकाश कश्यप को उसके घर से ले जाने वाला जय जायसवाल ही है।
पुलिस उपायुक्त ( पूर्वी ) , पुलिस आयुक्त लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे गए प्रार्थनापत्र के जरिए हत्या के शिकार हुए आकाश कश्यप के पिता ने सीधा आरोप लगाया है कि उनके पुत्र की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता जय जयसवाल को खुले तौर पर बचाया जा रहा है। तथ्य तो यही कहते है कि18 जून को गोमती नगर थाने की पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के दिन से लेकर अभी तक मुख्य साजिशकर्ता जय जायसवाल और उसके सहयोगियों अविनाश तिवारी, प्रिंस और ऋषभ आदि को बचाने में जुटी हुई है।
इस कथित कानूनी कार्रवाई का एक दु: खद पहलू यह भी है कि लखनऊ के बड़े मीडिया संस्थान आकाश कश्यप के माता – पिता का बयान लेने के बजाय पुलिस के हवाले से उनका बयान छापते रहे। अभी तक कि गोमती नगर थाने /लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की कानूनी प्रक्रिया को लेकर जो पक्षपातपूर्ण भूमिका है I
उससे यही प्रतीत होता है कि आकाश कश्यप हत्याकांड में मुख्य आरोपी जय जायसवाल और उसके अन्य सहयोगियों को सुनियोजित रणनीति के तहत बचाया जा रहा है ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठित करने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं दिख रहा है।
नैमिष प्रताप सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार,लखनऊ, यूपी)