आजादी के 75 वर्षों बाद पहली बार पहुंची बिजली की रोशनी,गुलज़ार हुआ गांव
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लखनऊ ब्यूरो। जलौनी लकड़ी काट कर और उसे बेचकर परिवार चलाने वाले वनटांगिया समुदाय के रामगढ़ गांव में आजादी के 75 साल में पहली बार अब जा कर बिजली की रोशनी पहुंच पाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वन टांगियों का यह गांव विकास की प्राथमिकता में है।
अब गोण्डा जिले के जंगलों में बसने वाले वनटांगिया समुदाय का जीवन भी विद्युत ऊर्जा से रोशन हो उठा है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप गोण्डा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा के अथक प्रयास से वनटांगिया गांव रामगढ़ तक बिजली पहुंच पाई है। आजादी के लगभग 75 वर्षों बाद अब वन टांगियों के गांव की ओर जाने वाले रास्ते भी विद्युत लाइटों की दूधिया रोशनी से जगमगा उठे हैं।
सड़क से वनटांगिया गांव तक विद्युत रोशन हुआ मार्ग
गोण्डा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा वन विभाग अप्रोच सड़क से रामगढ़ वनटांगिया गांव तक के मार्ग को विद्युतीकरण से रोशन किया गया। गोण्डा की हरदवा ग्राम पंचायत में रामगढ़ वनटांगिया गांव है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी यह गांव विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ था। समाज के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों का विकास योगी सरकार की प्राथमिकता में है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीती 12 जून को गोंडा जिले की कमान संभालने के साथ ही वनटांगिया समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी थी। कलेक्टर का चार्ज लेने के चार दिन बाद ही 16 जून को डीएम नेहा शर्मा ने स्वयं जा कर वनटांगिया गांव रामगढ़ का निरीक्षण किया और उस गांव के विकास की कार्ययोजना तैयार की।
उन्होंने एक ओर जहां, वनटांगिया समुदाय के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गांवों में दो सरकारी स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है तो वहीं, गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने की पहल की गई है।
अब गांव को बिजली से रोशन भी किया जा रहा है। इस गांव के विद्युतीकरण का काम मंगलवार को शुरू किया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर समुदाय तक पहुंचाना उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। जिला प्रशासन इसके लिए प्रतिबद्ध है।
पहली बार वनटांगियों के गांव तक पहुंची बिजली, लोगो के खिले चेहरे
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निरीक्षण के दौरान ग्राम वासियों की ओर से बिजली नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसको जिला प्रशासन ने प्राथमिकता से लिया । मंगलवार को गांव के मुख्य मार्ग पर खंभे और लाइट लगाने का काम शुरू भी कर दिया गया। पहली बार गांव में दुधिया रोशनी देख गांव वालों के चेहरे खिल उठे।
बच्चे हो या बुजुर्ग सभी के चेहरों पर एक अलग सी खुशी देखने को मिली। गांव की 52 वर्ष की बुजुर्ग महिला फूलादेवी बिजली आने से बहुत खुश है।उन्होंने बताया कि गांव में पहले अंधेरा रहता था। शाम के समय तो आना जाना संभव ही नहीं था, क्योंकि अंधेरे में जंगली जानवरों द्वारा हमले का डर रहता था। कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा।
फाइल फोटो
हमें तो अब सब सुविधा हो गई। इस गांव की किशोरी ममता (16 वर्ष) भी खुश हो कहती है कि अब अंधेरे से निजात मिल जाएगी। गांव के संतराम (40 वर्ष) बताते हैं कि यहां कुलदेवी का मंदिर है। नवरात्री में यहां पूजा होती है। हर साल 20 हजार रुपए सिर्फ रोशनी के लिए जनरेटर लगवाने पर खर्च होते थे I
लेकिन बिजली आने से अब पूजा में जनरेटर की जरूरत नहीं होगी। वह कहते हैं कि इतने वर्षों के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने, किसी डीएम ने हमारे वन टांगिया गांव पर ध्यान दिया है।
सड़क निर्माण कार्य भी अन्तिम चरण में
रामगढ़ वनटांगिया गांव को वन विभाग अप्रोच रोड से जोड़ने के लिए मार्ग निर्माण की जिम्मेदारी खण्ड विकास अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सड़क का निर्माण कार्य भी अन्तिम चरण में पहुंच गया है। इंटरलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अगस्त माह के अन्त तक इस क्षेत्र में आवागमन सुलभ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने वनटांगिया समुदाय को दिलाई पहचान
पूर्वांचल के वनटांगिया समुदाय का इतिहास पुराना है। अंग्रेजों ने इन्हें जंगलों में बसाया था। आजादी के 70 दशक बाद भी इनका वजूद सरकारी राजस्व अभिलेखों में नही होने की वजह से यह समुदाय विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2018 में गोण्डा के वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर मुख्यधारा से जोड़ा था।
इससे वन क्षेत्रों में बसे इन वन ग्रामों के निवासियों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकी। जलौनी लकड़ी काटकर और बेचकर पेट पालने वाले वनटंगिया के परिवार को आजादी के बाद पहली बार वोट करने का हक मिला।
कपिलदेव सिंह (यूपी हेड)