दिल में उठी ये कैसी खुमारी…….
1 min readहमें आज कैसी लगन जो लगाई
दिल में उठी है ये कैसी ख़ुमारी
जाने किस घड़ी तुम आओगे हमदम
मरी जा रही हूं मैं दरस को तुम्हारी
चली जा रही है मेरी जान धड़कन
मैं बैठी पिया मिलन को तुम्हारी
हुआ हाल बेहाल मोहब्बत में तेरी
कसम से बहुत याद आई तुम्हारी
नहीं जानते हम कैसे जिएंगे
मेरी सांसे तुम बिन है ये अधूरी
अभी आ भी जाओ ओ मेरे सजना
तुझे देखने को तरसे अखियां हमारी।।
✍️ डॉ0 रानी गुप्ता (सूरत गुजरात)