Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

जनमोर्चा के संपादक कामरेड शीतला सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

1 min read
Spread the love

 

लखनऊ I

गत 16 मई, मंगलवार को जनमोर्चा के संपादक शीतला सिंह का 93 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी से लड़ते –जूझते निधन हो गया था। आज पत्रकारिता के शिखर पुरुष रहे शीतला सिंह की मृत्यु पर शोकग्रस्त पत्रकारों ने यूपी प्रेस क्लब में श्रद्धांजलि अर्पित कर पत्रकारिता में उनके योगदान और उनसे जुड़ी स्मृतियों पर चर्चा किया।

यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवींद्र सिंह ने कामरेड शीतला सिंह के साथ बिताये हुए पलों को याद करते हुए कहा कि वे व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था थे। उन्होंने शीतला सिंह के साथ 1985 में 28 पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल के साथ गए विदेश दौरे का जिक्र किया जिसकी शुरुआत उत्तरी कोरिया से हुई थी और पूरे यूरोप में भ्रमण किया।

रवीद्र सिंह ने कहा कि अयोध्या विवाद पर शायद ही देश – विदेश का कोई मीडिया संस्थान हो ,जिसके प्रतिनिधि अयोध्या गया हो और उनसे चर्चा न किया हो। रवींद सिंह ने बताया कि वे पूर्ण रूप से शाकाहारी थे।

वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान ने उनको पत्रकारिता की दुनियां का पुरोधा बताते हुए कहा कि वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने प्रेस काउंसिल से लेकर पत्रकार यूनियन में रहते हुए कभी भी व्यक्तिगत हितो के लिए सत्ता से कोई समझौता नहीं किया। उनको जैसे पहले देखा था, वैसे ही आखिरी समय तक बने रहे। शरत प्रधान ने कहा कि आज जो ट्रेड यूनियन की अहमियत घटी है तो उसके लिए हम लोग ही जिम्मेदार है।

जनमोर्चा के लखनऊ संस्करण की संपादक और तीन दशक से ज्यादा समय तक शीतला सिंह के साथ कार्य कर रही सुमन गुप्ता ने जनमोर्चा अखबार को निकालने में शीतला सिंह और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरगोविंद सिंह ‘ महात्मा जी ’ के संघर्षों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे 75 रुपए की न्यूनतम धनराशि से सहकारिता के जरिए जनमोर्चा अखबार की शुरुआत हुई थी ?

उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद पर जनमोर्चा की रिपोर्टिंग को आज तक कोई चुनौती नहीं दे पाया । पत्रकार राजीव बाजपेई ने कहा उनके जैसे आभामंडल के व्यक्ति का मिलना असंभव है।

वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह ने कहा कि शीतला सिंह बनना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए बहुत त्याग करना पड़ता हैं और चुनौतियों का सामना करना होता हैं। पत्रकार प्रद्युमन तिवारी ने कहा कि वे संघर्षों में हौसले के प्रतीक थे , शीतला सिंह जिनसे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है

। प्रेस क्लब में आयोजित इस श्रद्धांजली समारोह का संचालन पी. के. तिवारी ने किया और पूरी व्यवस्था शिवशरण सिंह गहरवार ने संभाली। इस अवसर पर लखनऊ और बाहर के बहुत से पत्रकारों ने भागीदारी किया।

रिपोर्ट-

 नैमिष प्रताप सिंह ( वरिष्ठ पत्रकार)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »