कोर्ट ने तीन पुलिस अधिकारियों को माना दोषी, मुकदमा दर्ज करने के लिए दिए आदेश
1 min readअमेठी। बहुचर्चित चौहरे हत्याकांड में एसपी अमेठी,तत्कालीन कोतवाल अमेठी उमाकांत शुक्ला व क्राइम ब्रांच निरीक्षक परशुराम ओझा के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने दिया मुकदमे का आदेश,पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा है।
कोर्ट ने तीनो के खिलाफ केस पंजीकृत कर विस्तृत जांच का आदेश दिया। ,आदेश की प्रति मुख्य सचिव(गृह), आईजी लखनऊ व डीआईजी अयोध्या को भेजने का आदेश दिया ।अमेठी पुलिस अधीक्षक इलामरन जी.वर्तमान में क्राइम ब्रांच में तैनात निरीक्षक उमाकांत शुक्ला व परशुराम ओझा की मुश्किलें बढ़ गई।चार लोगों की हुई जघन्य हत्या के केस में नियमों की उड़ाई गई धज्जियां,नीचे से ऊपर तक के पुलिस अफसरों की मिलीभगत से जमकर तफ्तीशी मे खेल हुआ।
पुलिस का कारनामा देखकर जज साहब का माथा ठनक गया।,पुलिसिया खेल पर संज्ञान लेते हुए जिला जज जयप्रकाश पांडेय ने कड़ी टिप्पड़ी करते हुए जारी आदेश दिए। चार्ज पर सुनवाई के दौरान तीन अभियुक्तों की तरफ से पड़ी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर कोर्ट ने आरोप विरचित करने के लिए 19 मई की तारीख लगाई है। अमेठी थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव राजापुर मजरे गुंगवांछ में 15 मार्च 2022 को लाठी-डंडों , सरिया,कुल्हाडे से हमला कर एक परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी ।
अभियोगी अमरजीत यादव ने मामले में राम दुलारे यादव, उनके पुत्र अखिलेश यादव,बृजेश यादव,अभिषेक यादव उर्फ छोटू एवं मौजूदा ग्राम प्रधान आशा तिवारी,उनके पति राम शंकर तिवारी व पुत्र नितिन तिवारी के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में नामजद अमेठी कोतवाली में मुकदमा नामजद किया था।
तफ्तीश के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में भेजी थी चार्जशीट और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विवेचना जारी रखी थी I जिसके बाद दौरान तफ्तीश विवेचक ने मनमानी तफ्तीश कर प्रधान पति रामशंकर तिवारी को क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में प्रेषित की थी 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट और इसी आधार पर कोर्ट से रामशंकर तिवारी की रिहाई के लिए मांग की थी ,शेष छहो आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट भेजी थी।
तत्कालीन सीजेएम किरन गोंड ने विवेचक की 169 की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आरोपी रामशंकर तिवारी को रिहा करने का आदेश जारी किया था ,उस दौरान आरोपी की रिहाई के लिए बचाव पक्ष से अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने पैरबी की थी ,हत्यारोपी को जेल से बाहर निकालने में उन्हें सफलता मिल गई।एक मुल्जिम को राहत दिला लेने के बाद अन्य आरोपियों को भी बचाने के लिए निष्पक्ष जांच की आड़ मे आरोपी पक्ष ने पुलिस अधिकारियों को अर्जी भेजी थी ।
एसपी अमेठी ने मामले में अग्रेतर विवेचना का निर्देश दे दिया था ,एसपी के निर्देश में जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के निरीक्षक परशुराम ओझा ने पूर्व में चार्जशीटेड हुए आरोपीगण आशा तिवारी,नितिन तिवारी व अभिषेक यादव उर्फ छोटू को भी अपनी तफ्तीश में क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में पेश की थी 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट, तीनो हत्यारोपियों को रिहा करने के लिए अर्जी दी थी I
फिलहाल तत्कालीन सीजेएम ने 169 की रिपोर्ट को कर खारिज दिया था । छहों आरोपियों की पत्रावली सेशन कोर्ट के सुपुर्द कर पत्रावली दिए। पत्रावली सेशन कोर्ट के सुपुर्द होने के बाद से ही आरोप विरचित करने के बिंदु पर सुनवाई चल रही थी ।जिसके दौरान पुलिस की जांच में क्लीन चिट पाई आरोपी ग्राम प्रधान आशा तिवारी उनके पुत्र नितिन तिवारी एवं सह आरोपी अभिषेक यादव उर्फ छोटू की तरफ से तमाम साक्ष्यो व तर्कों को आधार बनाकर पेश डिस्चार्ज अर्जी, की गयी थी।
अभियोजन पक्ष ने डिस्चार्ज अर्जी पर बिरोध जताया था ,जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उभय पक्षो को सुनने के पश्चात पुलिस की जांच में हुई लीपापोती पर स्वयं के स्तर पर भी लिया संज्ञान,कोर्ट के आदेश पर एसपी समेत अन्य के खिलाफ होने वाली विस्तृत जांच में हो सकता है बड़ा खुलासा,एक जघन्य अपराध से जुड़े केस में एसपी समेत अन्य अफसरों ने इस कदर की है लिखापढी कि उसे देखने पर स्वतः ही पुलिस अधिकारियों की अतिरिक्त रुचि हो रही जाहिर,लगातार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर बनाया गया है I
विवेचना का पार्ट,प्रथम दृष्टया सेटिंग-गेटिंग के बल पर तफ्तीशी खेल करने का मामला आ रहा सामने,आरोपियों के अनुचित प्रभाव में इतना बड़ा खेल करने का दिख रहा मामला,जल्द ही विभाग के उच्चाधिकारी एवं सूबे के सीएम योगी जी मामले में सम्बंधित पुलिस अफसरों के खिलाफ ले सकते है।