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एसटीएफ (STF) के एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना हुआ ढेर

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लोक दस्तक ,ब्यूरो

लखनऊ।

मेरठ में एसटीएफ ने गैंगेस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में मार गिराया। दुजाना पर कई राज्यों में 18 मर्डर समेत 60 से ज्यादा केस चल रहे थे। बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने केसों में पेश नहीं होने से अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। वह हाल ही में जेल से छूटा था।

कुख्यात अनिल दुजाना के मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ(STF) ने उसे चारों ओर से घेर लिया। बताया गया कि पुलिस पर फायरिंग करते हुए वह फरार होने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई। अनिल दुजाना पर यूपी समेत अन्य राज्यों में लगभग 50 हत्या, रंगदारी, फिरौती आदि के केस दर्ज हैं।

बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। सत्तर और अस्सी के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था। उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी। इसी दुजाना गांव का है अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना। पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।

2011 में बादलपुर कोतवाली में आईपीसी की धारा-174 ए के केस में अनिल दुजाना को 3 साल की सजा सुनाई गई । 20 हजार रुपए का अर्थदंड जमा करने का आदेश दिया गया । बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। सत्तर और अस्सी के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में बड़ा खौफ था।

अनिल तिहरे हत्याकांड में जनवरी 2012 में पकड़ा गया। वह जेल से अपने गैंग को चलाने लगा। रणदीप भाटी और अमित कसाना मदद करते थे। वह जेल से ही मर्डर और रंगदारी की साजिशों को अंजाम देने लगा। सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी 2014 में दुजाना के घर पर हमला कर दिया। ताबड़तोड़ फायरिंग में उसके भाई जय भगवान की मौत हो गई। अनिल के पिता ने सुंदर भाटी समेत आठ को नामजद कराया।

दुजाना गैंग ने इसका बदला लेने के लिए सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया। दुजाना के गुर्गों ने जनवरी 2019 को दिल्ली के नंद नगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह 9 साल बाद जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया। 16 अक्टूबर 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी। खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया। वह दोनों केसों में वांटेड चल रहा था।

दुजाना ने फरवरी 2019 को सूरजपुर कोर्ट में बागपत की पूजा से सगाई की थी। वह फरवरी 2021 को जमानत पर बाहर आया और पूजा से शादी कर ली। यूपी पुलिस की जांच में आया था कि दुजाना की पत्नी पूजा के पिता लीलू का बागपत में राजकुमार से चालीस बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी गाजियाबाद के कुख्यात बदमाश हरेंद्र खडखडी और उसके भाई से कर दी थी। पूजा के पिता ने अपनी बेटी के लिए खडख़ड़ी से बड़े बदमाश अनिल दुजाना को ढूंढ लिया।

गौतमबुद्धनगर में बचे अब ये छह गैंगस्टर
1. सुंदर भाटी: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध की दुनिया का सबसे बड़ा नाम है। यह ग्रेटर नोएडा के घंघोला गांव का रहने वाला है। यह 1990 के बाद से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है। वर्तमान में सुंदर भाटी सोनभद्र जेल में बंद है। अतीक- अशरफ हत्याकांड के आरोपियों से भी इसका नाम जुड़ा था।

2. अनिल भाटी: यह कुख्यात सुंदर भाटी का भतीजा है और अब सुंदर गैंग को सक्रिय रूप से देखता है। हालांकि यह दिल्ली की जेल में बंद है। सुंदर भाटी की उम्र होने के बाद उसका आर्थिक व क्राइम के साम्राज्य में इसका काफी दखल है।

3. सिंहराज भाटी: यह भी कुख्यात सुंदर भाटी के रिश्ते में भतीजा लगता है। इसने भी सुंदर के साथ मिलकर अपराध की दुनिया में बड़ा गिरोह खड़ा किया और आर्थिक स्थिति को भी बेहतर किया है। यह भी जेल में बंद है। इसका पश्चिमी यूपी से लेकर आसपास के राज्यों के गैंग से बेहतर संबंध रहा है।

4. अमित कसाना: अमित कसाना पश्चिमी यूपी की जरायम की दुनिया का बड़ा नाम है। ग्रेटर नोएडा में नब्बे की दशक में इसके मामा नरेश भाटी की हत्या की दी गई थी। तब वह सुंदर भाटी गिरोह से बदला लेने के लिए अपने मामा के गैंग को संभाला था। अमित कसाना भी दिल्ली की जेल में बंद है।

5. रणदीप भाटी: यह कुख्यात सरगना रहा नरेश भाटी का छोटा भाई है। यह भी जनपद का बड़ा गैंगस्टर है और कई गिरोह के साथ इसके गुर्गों के संबंध हैं। इसने भी अवैध तरीके से आर्थिक संपन्नता हासिल की है। यह भी जेल में बंद है।

6. मनोज उर्फ आसे: यह इन सबसे नया गैंगस्टर है। यह ग्रेटर नोएडा के इमलिया गांव का रहने वाला है और अभी फरार चल रहा है। इसका गैंग कुछ महीने ही पंजीकृत हुआ है। इस पर भी हत्या, रंगदारी जैसे संगीन कई मुकदमें दर्ज हैं।

 

कपिलदेव सिंह (यूपी हेड)

 

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