सुखांत-दुखांत असंतोष की वृत्ति का अंत है दुखांत । वहीं इसके विपरीत हमारे जीवन में संतोषपूर्वक स्वीकारोक्ति सदा ही लाती...
धर्मअध्यात्म
वृन्दावन।राधा बाग-केशवाश्रम क्षेत्र स्थित श्रीश्री कात्यायनी पीठ में मां कात्यायनी मन्दिर का अष्ट दिवसीय शताब्दी समारोह अत्यंत श्रद्धा व...
मुझे दिवंगत शासन श्री मुनि श्री पृथ्वीराज जी स्वामी (श्री डूंगरगढ़ ) प्रायः प्रायः बोलते थे की प्रदीप अपनों...
गुणवान व्यक्ति भले ही धनवान कम हो लेकिन सबके लिये वह पूजनीय आदरणीय होता है क्योंकि धन नहीं व्यक्ति...
वृन्दावन।प्रेम गली-वनखंडी स्थित मां अन्नपूर्णा मन्दिर से भक्तों व श्रृद्धालुओं की धार्मिक यात्रा करौली स्थित मां कैला देवी के...
एक घटना प्रसंग दिवंगत शासन श्री मुनि श्री पृथ्वीराज जी स्वामी ( श्री ड़ुंगरगढ़ ) से मैंने यह पूछा...
वृंदावन।रूस के इस्कॉन प्रचारक इंद्रद्युम्न स्वामी महाराज अपने अनेकों अनुयायियों के साथ नगर के प्राचीन सप्त देवालयों में से...
अमेठी I ब्रम्हश्री आश्रम चित्रकूट की संस्थापिका एवं संरक्षिका साध्वी दीदी उषा रामायणी जी ने आज कहा कि हिंदुस्तान...
जरूरी है हर चीज की सीमा और मर्यादा के ज्ञान का । बिना किसी मर्यादा के हमारी जिन्दगी हो...
आत्मा और शरीर ये दोनों भिन्न हैं। अगर हम मानव यह समझ ले तो मृत्यु का दुख और भय...