जज्बातों का मोल…..
1 min readजज्बातों का अब कोई मोल नहीं
जिंदगी जीनी है अब प्रैक्टिकल
यह कोई खेल नहीं
कितनी तेजी से बदल रहा है जमाना,
शहर दर शहर, गांव दर गांव
नहीं अब यहां
किसी के जज्बातों का भाव
बदल रही है हमारी संस्कृति का रूप
आचार विचारों और परिधानों का प्रारूप
यही है आजकल की युवा पीढ़ी का रूप…..
डॉ0 रानी गुप्ता
सूरत, गुजरात